सिलीगुड़ी. करोड़ों रूपये का माल घपला करने के आरोप में सिलीगुड़ी के दो इलेक्ट्रिक कारोबारी आठ महीने की आंख-मिचौली के बाद आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गये. 3.5 करोड़ रूपये के एलइडी बल्व की धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली पुलिस की एक टीम ने सिलीगुड़ी पुलिस के सहयोग से सेवक रोड के पानीटंकी मोड़ स्थित दुकान एवं 13 नंबर वार्ड के आश्रमपाड़ा स्थित एक गोदाम में छापा मारकर चोरी हुए एलइडी बल्वों से भरे 184 कार्टून बरामद कर लिया़ पुलिस ने शहर के दो नामी कारोबारी दिनेश अग्रवाल और राजेश पेड़िवाल को गिरफ्तार कर लिया.
दिनेश पंजाबीपाड़ा निवासी महावीर प्रसाद अग्रवाल का लड़का है और उसकी पानीटंकी मोड़ पर रामकृष्ण बिल्डिंग मार्केट काम्पलेक्स में इलेक्ट्रिक की दुकान है. वहीं, राजेश सेवक रोड के तीन माइल स्थित सोना पेट्रोल पंप के नजदीक का रहनेवाला है और प्रकाश पेड़िवाल का लड़का है.
पुलिस ने बुधवार को दोनों कारोबारियों को सिलीगुड़ी कोर्ट में एडिसनल चीफ जुडिसियल मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) प्रभारी निलांजन मौलिक के सामने पेश किया. जहां मजिस्ट्रेट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस दोनों कारोबारियों को लेकर आज ही दिल्ली रवाना हो गयी. वहीं, दोनों कारोबारियों की गिरफ्तारी के बाद से ही सिलीगुड़ी के कारोबारियों में हलचल है. पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में शहर के नामी कारोबारियों व उद्योगपतियों का जमघट लगा रहा.
क्या कहना है दिल्ली पुलिस का
वारदात के अनुसंधान अधिकारी (आइओ, दिल्ली पुलिस) गजेंद्र माथुर का कहना है कि बीते साल जुलाई महीने में दिल्ली के गीता कॉलोनी निवासी राजेंद्र प्रसाद ने अलिपुर थाना में एलइडी बल्वों से लदे चार ट्रक के गायब होने का मामला दायर कराया था. पुलिस कांड संख्या 49/52, भारतीय दंड संहिता (भादस) 380/457/411/34 की धारा के तहत वारदात की गहन छानबीन में जुट गयी. वारदात की तह तक जाने के बाद यह सूचना मिली कि गायब माल सिलीगुड़ी के इलेक्ट्रिक कारोबारियों तक पहुंच गया है. 3.5 करोड़ रूपये की कीमत के माल में 184 कार्टून माल बरामद कर लिए गए हैं. बाकी के माल को सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों के अलावा पड़ोसी राज्यों बिहार के किशनगंज जिला, सिक्किम, भूटान के विभिन्न स्थानों पर भेज दिया गया. श्री माथुर ने बताया कि गिरफ्तार दोनों कारोबारियों से गहन पूछताछ के लिए दिल्ली के रोहिणी कोर्ट से पुलिस रिमांड पर लेगी. यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि इतने बड़े घपले की साजिश के पीछे इनका ही हाथ है या अन्य किसी अंतरराज्यीय गिरोह का भी जुड़ाव है. इस साजिश में और कौन-कौन शामिल हैं. ट्रकों को कहां से गायब कराया गया और बाकी मालों की खपत कहां-कहां की गयी है.