मुंबई : गिरफ्तार किए गए छगन भुजबल पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि राकांपा नेता ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी और आज समय ने इसका हिसाब चुकता कर दिया है.शिवसेना के मुखपत्र ‘‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया है कि समय ने भुजबल के किए धरे का हिसाब चुकता कर दिया. इसमें कहा गया था 1991 में शिवसेना से अलग हुए राकांपा नेता अपने ‘पतन’ के लिए खुद ही जिम्मेदार हैं.
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भुजबल की गिरफ्तारी पर शिवसेना ने ली चुटकी कहा, समय ने चुकाया हिसाब
मुंबई : गिरफ्तार किए गए छगन भुजबल पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि राकांपा नेता ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी और आज समय ने इसका हिसाब चुकता कर दिया है.शिवसेना के मुखपत्र ‘‘सामना’ में […]
संपादकीय में आरोप लगाया गया है ‘जब भुजबल गृह मंत्री थे तब वह बाला साहेब (ठाकरे) को जेल की सलाखों के पीछे डालने के लिए तत्पर थे क्योंकि ठाकरे ने देश के लोगों को जागृत करने के उद्देश्य से एक ‘हिंदुत्ववादी’ भाषण दिया था. यहां तक कि वह राजनीतिक प्रतिशोध और निजी शत्रुता का मामला हो गया था .’ शिवसेना ने आरोप लगाया है कि भुजबल ने अपनी बात न सुनने वालों के खिलाफ झूठे मामले तैयार करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया ताकि उन्हें जेल में डाला जा सके. भुजबल को दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में कथित घोटाले के संबंध में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था.धनशोधन की रोकथाम कानून (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने 68 वर्षीय नेता को 17 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया. भुजबल की गिरफ्तारी को राकांपा ने भाजपा का ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है.
महाराष्ट्र में सत्तारुढ गठबंधन का हिस्सा शिवसेना ने कहा कि जो लोग आज भुजबल की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं वह जल्द ही इसे भूल जाएंगे. संपादकीय में कहा गया है ‘‘छगन भुजबल जब शिवसेना में थे तब उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया. लेकिन तब उन्हें मराठी लोगों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों का विरोध करने के लिए गिरफ्तार किया जाता था. अब वह कांग्रेस और राकांपा के साथ हैं और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं.’
आगे कहा गया है ‘‘अपने पतन के लिए वह स्वयं जिम्मेदार हैं. जो लोग आज उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं वह जल्द ही इस मुद्दे को भूल जाएंगे और अपना कामकाज करने लगेंगे.’ भुजबल ने अपना राजनीतिक कॅरियर शिवसेना के साथ शुरु किया था और दो दशक तक पार्टी में रहे थे. वर्ष 1991 में वह शिवसेना छोड कर कांग्रेस में शामिल हो गए. जब शरद पवार ने कांग्रेस से अलग हो कर राकांपा बनाई तो लोकनिर्माण विभाग के पूर्व मंत्री भुजबल भी उनके साथ चले गए.
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