अरवल (ग्रामीण) : धान खरीद के लिए शेष 15 दिन बच रहे हैं उसमें भी होली समेत कई छुट्टियां शामिल हैं. अबतक लक्ष्य के विरुद्ध 19738 टन ही धान की खरीद हो सकी है. बताते चलें कि जिले में इस वर्ष 25 हजार टन लक्ष्य निर्धारित कर धान खरीद के लिए 66 पैक्स और दो व्यापार मंडल को धान खरीद की स्वीकृति दी गयी.
31 मार्च तक धान खरीद का अंतिम तिथि है. विभागीय आंकड़े के मुताबिक अबतक जिले के 2648 किसानों से 19738 टन धान की खरीद कर ली गयी है एवं सभी किसानों को राशि का भुगतान कर दिया गया है. विभागीय आंकड़े के मुताबिक 14 मार्च तक अरवल प्रखंड में 492 किसानों से 3818 टन, कलेर प्रखंड में 635 किसानों से 4801 टन, करपी प्रखंड में 864 किसानों से 6017 टन तथा वंशी प्रखंड में 197 किसानों से 2127 टन धान की खरीद की गयी है,
जबकि सीएमआर (चावल) 8420 एमटी पैक्स द्वारा एसएफसी को दिया गया है. इधर पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि शुरू में पैक्स को सीसी का लिमिट बहुत ही कम था और उधर लिमिट को 20 लाख किया गया. लेकिन, सीएमआर के कारण लिमिट की राशि फंस जा रही है और राशि के अभाव में धान की खरीद नहीं हो पा रही है. पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि गोदाम के अभाव में एसएफसी में सीएमआर चावल जमा करने की गति काफी धीमी है.
इस कारण धान क्रय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. उधर, कई किसानों ने बताया कि पैक्स में धान बेचने पर किसानों को केवल घाटा हो रहा है. प्रति क्विंटल 150 की कटौती की जा रही है. कटौती के बाद किसानों को बोरे की स्वयं व्यवस्था करने की जिम्मेवारी है तथा पैक्स के गोदाम तक किसानों को धान का बोरा स्वयं पहुंचाना पड़ता है.
किसानों ने बताया कि सभी खर्च काट कर 1200 रुपये प्रति क्विंटल पड़ता है, जबकि सरकार 1410 रुपये प्रति क्विंटल सामान्य धान को किसान के खलिहान से उठाने की बात करती है, परंतु ऐसा नहीं हो रहा है. इधर, सदर प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि लक्ष्य पूरा करने के लिए महज 5262 टन धान की खरीद करनी है. निर्धारित अवधि के अंदर हर हाल में लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा.