नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकडों को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए आज कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है लेकिन सुधार की प्रक्रिया बहुत ही अनिश्चित है. राजन ने यहां केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम हालात में सुधार की राह पर हैं. मोटे तौर पर हम यहीं कहते रहें और कुल मिलाकर इसी पर कायम रहेंगे. सुधार प्रक्रिया में उतार चढाव है. इस तरह से कहा जा सकता है यह मजबूत और सतत सुधार नहीं है जहां सभी संकेतक एक ही दिशा में हों.’
आरबीआई की बोर्ड बैठक को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी संबोधित किया. राजन ने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के कल जारी आंकडों को ‘कुछ न कुछ निराशाजनक’ करार दिया लेकिन यह भी कहा मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था ‘मजबूत होती वृद्धि की दिशा में बढ रही है.’
राजन ने कहा कि वृद्धि उतनी मजबूत नहीं है जितना हम देश के रूप में चाहेंगे. हमें देखना होगा कि यह कैसे आगे बढती है.’ उल्लेखनीय है कि विनिर्माण व पूंजीगत सामान खंड के खराब प्रदर्शन के चलते औद्योगिक उत्पादन जनवरी में 1.5 प्रतिशत घटा और इस तरह इसमें लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गयी. औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के मद्देनजर उद्योग जगत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में कटौती पर जोर दे रहा है. आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा पांच अप्रैल को होगी.
सरकार के राजकोषीय सुदृढीकरण के अपने रुख पर कायम रहने संबंधी सवाल पर राजन ने कहा कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 3.5 प्रतिशत पर रखना सरकार की राजकोषीय सुदृढीकरण की मंशा दिखाता है. उन्होंने कहा, ‘बाजार व रिजर्व बैंक दोनों को इससे सहूलियत है. इससे मौद्रिक नीति पर क्या असर होता इसके लिए इंतजार करना होगा, देखना होगा.’ इसके साथ ही राजन ने मौद्रिक नीति की दिशा के बारे में कोई टिप्पणी से इनकार किया. उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2016-17 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य को 3.5 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया है.
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