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खुशखबरी . 12 मार्च को होगी बेगूसराय जिले के लिए स्वर्णिम सुबह

बदलेगी बेगूसराय की तकदीर करीब 14 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद 12 मार्च को मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर रेल परिचालन का सपना महज चंद घंटे के बाद साकार होनेवाला है. इस पुल के लिए लोग टकटकी लगाये थे. कार्य में शिथिलता और बाधा के चलते इसे पूरा करने में काफी वक्त लग […]

बदलेगी बेगूसराय की तकदीर

करीब 14 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद 12 मार्च को मुंगेर रेल सह सड़क पुल पर रेल परिचालन का सपना महज चंद घंटे के बाद साकार होनेवाला है. इस पुल के लिए लोग टकटकी लगाये थे. कार्य में शिथिलता और बाधा के चलते इसे पूरा करने में काफी वक्त लग गया. कई बार आंदोलन भी किये गये. जिले से लेकर राज्य और केंद्र तक इस पुल को लेकर सड़क से संसद तक आवाज भी उठायी गयी. इसी के कारण रेल सह सड़क पुल के कार्य में तेजी आयी और पहले चरण में रेल पुल गाड़ी दौड़ाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो गया है.

बेसब्री से लोग कर रहे थे इस दिन का इंतजार

परिचालन शुरू होने से कई शहरों की दूरी कमेगी व विकास में आयेगी तेजी
बेगूसराय/साहेबपुरकमाल : पुल पर रेल परिचालन प्रारंभ करने की तैयारी में रेलवे ने पूरी ताकत झोंक दी है. इस पुल पर रेल परिचालन प्रारंभ होने से बेगूसराय,खगड़िया, मुंगेर शहर से कोलकाता तक की दूरी भी कम हो जायेगी और इससे इन क्षेत्रों के विकास के द्वार भी खुल जायेंगे. बेगूसराय,बिहार के साथ-साथ देश के कई हिस्सों की नजर इस पुल पर टिकी हुई थी.
पुल में बनाया गया है 30 पाये :
पुल में कुल 30 पायाें का निर्माण किया गया है. जबकि इस परियोजना के तहत कुल आठ गांवों सबदलपुर, ईश्वचंद्रपुर, मोहनपुर, सेवाय खास, सिरैया, कल्याणपुर, फुलमल्लिक और मल्हीपुर गांव की जमीन को अधिगृहित किया गया. रेल एलायमेंट के दौरान कई प्रकार की बाधाएं भी सामने आयीं, जिसमें सिरैया गांव के समीप लालमाता स्थान, जो उमेशनगर रेल एलायमेंट के ठीक बीच में पड़ता था, उसको लेकर ग्रामीणों ने जम कर विरोध किया था. तत्कालीन जिला पदाधिकारी के हस्तक्षेप से इस मामले को निबटाया गया. इसके बाद कार्य शुरू हुआ. इसी तरह से मोहनपुर, शिवचंद्रपुर के किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने कई बार कार्य को अवरुद्ध किया था. अंतत: सभी वाधाओं को दूर करते हुए रेल सह सड़क पुल परियोजना को पूरा कर लिया गया.
पूर्वी बिहार के लिए 12 मार्च का दिन साबित होगा ऐतिहासिक :12 मार्च का दिन बेगूसराय सहित पूर्वी बिहार के लिए ऐतिहासिक साबित होगा. जब खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंगेर पुल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस अभूतपूर्व पल का लोग एक दशक से इंतजार कर रहे थे. खासकर बेगूसराय के लिए यह पुल उन्नति व समृद्धि के लिए संजीवनी बूटी साबित होगा. जहां बेगूसराय अपने पुराने जिले मुंगेर से सीधा जुड़ जायेगा.
सुल्तानगंज जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए साबित होगा वरदान : मुंगेर पुल उत्तरवाहिनी गंगाजल की प्राप्ति के लिए सुल्तानगंज जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगा. इसी तरह से पुराना व प्रसिद्ध जिले भागलपुर से भी सीधे जुड़ाव हो जायेगा, जो चावल व चूड़ा के लिए विश्व प्र्रसिद्ध है.
25 दिसंबर, 2002 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था शिलान्यास
भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर ,2002 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से किया था. उस वक्त इस पुल का निर्माण में 925 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था. परंतु पुल निर्माण कार्य पूर्ण होने तक तीन गुणा बढ़ कर लागत खर्च 2774 करोड़ तक पहुंच गया. जिस वक्त पुल का शिलान्यास हुआ था,
उस वक्त पुल का रेल एलायमेंट साहेबपुरकमाल स्टेशन से कुरहा,फुलमल्लिक होते हुए पुल बना था. परंतु बाद में रेल मंत्री के बदल जाने पर रेल एलायमेंट में परिवर्तन कर शिवचंद्रपुर, सबदलपुर की ओर कर दिया गया. जिस कारण परियोजना लागत में वृद्धि के साथ-साथ समय भी अधिक लग गया. पुल निर्माण कार्य संबंधी लोकेशन,सर्वे, मॉडल टेस्टिंग और प्रोजेक्ट निर्माण कार्य रेलवे की बहुचर्चित कंपनी आरआरटीएस ने किया था.
मुंगेर रेल सह सड़क पुल एक नजर में
25 दिसंबर ,2002 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा पुल का किया गया था शिलान्यास.
12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे पुल का उद्घाटन.
करोड़ों जन कर रहे थे इस ऐतिहासिक पल का इंतजार.
बदल जायेगी पूर्वी बिहार सहित बेगूसराय की तकदीर व तसवीर.
व्यापार, कारोबार व आर्थिक उन्नति का नया युग प्रारंभ होगा.
सामाजिक,सांस्कृतिक,सहयोग व पर्यटन का भी होगा विकास.
मुंगेर, जमालपुर, सुल्तानगंज, भागलपुर, साहेबगंज, पाकुड़, हावड़ा, सियालदह, कोलकाता से सीधे बेगूसराय का संपर्क स्थापित होगा.
बेगूसराय स्टेशन का मान व महत्व बढ़ेगा.
कर्ण नगरी मुंगेर व आंधप्रदेश भागलपुर के लिए निकट आयेगा बेगूसराय.
पर्यटन का विकास होगा, प्रमंडल पहुंचने में होगी सुविधा.
पहले चरण में बेगूसराय-जमालपुर के बीच डीएमयू चलने की उम्मीद.
रेल के क्षेत्र में होगा अभूतपूर्व विकास, पहली बार हावड़ा-कोलकाता से जुटेगा बेगूसराय.
मुंगेर के सीता कुंड, योगासन केंद्र व अन्य ऐतिहासिक धरोहरों का दीदार करना सहज हो जायेगा.
मां चंडिका स्थान, जो मुंगेर का प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, के भी दर्शन हो जायेंगे आसान.
उत्तर बिहार व उत्तर भारत के लिए प्राप्त होंगी कई ट्रेनें
इस पुल के चालू होने से अब भागलपुर से उत्तर बिहार सहित उत्तर भारत के विभिन्न शहरों दिल्ली, अमृतसर, हरिद्वार, जम्मुतबी के लिए सीधे ट्रेन प्राप्त होगी, जिनके भाया बेगूसराय, बरौनी होकर चलने की उम्मीद है. इसके साथ ही बेगूसराय स्टेशन का भी कायाकल्प होगा. प्लेटफॉर्म का भी विकास होगा. यात्री सुविधाओं की वृद्धि होगी और बेगूसराय स्टेशन का लुक बदल जायेगा.

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