जींद : मोदी सरकार का नारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को जींद में जोरदार झटका लगा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के जींद जिले का लिंगानुपात तेजी से घटता जा रहा है. यहां पीएम मोदी के सेल्फी विद डॉटर जैसे नारे भी काम नहीं आ रहे हैं. सरकार भले ही लिंगानुपात सुधार के लिए हर साल करोडों रुपये पानी की तरह बहाती हो, मगर जींद जिले में दस गांव ऐसे हैं, जहां का लिंगानुपात 500 से भी कम है. इस संबंध में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार, जिले के दरौली खेडा में लिंगानुपात सबसे कम है. यहां एक हजार लडकों के पीछे मात्र 217 लडकियां हैं.
इसी प्रकार सफीदों के सरफाबाद में एक हजार लडकों के पीछे 231 लडकियां, राजगढ ढोबी गांव में एक हजार लडकों के पीछे 333 लडकियां, अंबरसर गांव में 375, संगतपुरा गांव में 381, मांडोखेडी गांव में 400, सुलहेडा गांव में 400, बहादुरपुर में 406, खेडी बुल्ला गांव में 444, राजपुरा गांव में 467 लडकियां हैं. यह रिपोर्ट सामने आने के बाद विभाग के भी हाथ-पांव फूल गए हैं और विभाग ने कालवा, खरकराजी, सफीदों, उचाना, कंडेला, उझाना के एसएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर इसका कारण पूछा है. इसके अलावा संबंधित गांवों की एएनएम व एमपीएचडब्यू के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
उपायुक्त विनय सिंह ने कहा कि कुछ गांवों में कम लिंगानुपात का मामला सामने आया है और वहां की एएनएम व एमपीएचडब्ल्यू के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर अल्ट्रासाउंड जांचने के आदेश दिए गए हैं ताकि लिंग जांच न हो सके.