नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के 17 बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जता दी जिसमें उद्योगपति विजय माल्या को भारत छोडने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से पेश होते हुए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जब इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की तो प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा, ‘कल सुनवाई के लिए रखा जाए.’
रोहतगी ने कहा कि यह याचिका भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत 17 बैंकों ने माल्या के खिलाफ दायर की है जिनकी विभिन्न कंपनियों ने उनसे ऋण दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि इन कंपनियों पर हजारों करोड रुपये बकाया हैं. माल्या ने पहले ही कहा था कि कोई भी ऋण उनपर व्यक्तिगत नहीं है. उनकी कंपनी के शेयर बेचकर बैंक अपना ऋण वसूल सकते हैं.
उन्होंने कहा कि वे एक एनआरआई की हैसियत से सालों से इस देश में रह रहे हैं. उन्होंने कभी भी देश छोड़कर भागने का प्रयास नहीं किया. बैंक उनको व्यक्तिगत डिफॉल्टर घोषित करना चाहते हैं.