भागलपुर: पिछले दिनों डाटा इंट्री ऑपरेटर से रिश्वत लेते निगरानी के हत्थे चढ़े जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामचंद्र सिंह को बरखास्त कर दिया गया है. यह कार्रवाई वर्ष 2010 में नालंदा में एमएसएमइ योजना के ऋण घोटाले को लेकर जांच के बाद हुआ है. बरखास्तगी के लिए विभाग ने नालंदा के तत्कालीन जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजीव कुमार सिंह की जांच रिपोर्ट को आधार बनाया है. सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर उद्योग विभाग ने बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियमावली के तहत बर्खास्तगी की कार्रवाई की है. इससे उनके भविष्य में नियोजन आदि पर भी रोक लग गयी है.
यह है आरोप
एमएसएमइ योजना के तहत नालंदा के जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक के रूप में तैनात रामचंद्र सिंह ने 19 ऋण आवेदन पत्र को बिना जांच और निगरानी के मध्य बिहार ग्रामीण बैंक, ओईयांव भेज दिया. इससे अनपढ़ और निर्धन ग्रामीण के नाम पर अनियमित तरीके से निकासी हुई. इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक और बिचौलिये राजीव कुमार गुप्ता के साथ सांठ-गांठ कर ऋण की रकम निकाली गयी. नतीजतन सही लोगों तक लाभ नहीं पहुंच पाया.
प्रभारी बनाये जाने का भेजा पत्र
उद्योग विभाग ने जिला उद्योग केंद्र के परियोजना प्रबंधक रमणजी प्रसाद को महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया. वे बिहार रेशम व वस्त्र संस्थान के प्राचार्य, सहायक उद्योग निदेशक (कोटि नियंत्रण), पाॅलिस्टर सिल्क वस्त्र उत्पादन सह प्रशिक्षण केंद्र के प्रबंधक, सहकारिता सूत मिल के प्रबंध निदेशक, क्षेत्रीय बुनकर सहयोग संघ के प्रबंध निदेशक के भी प्रभारी बनाये गये हैं.