लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों के चुनाव में हासिल जबर्दस्त जीत से गदगद सत्तारुढ समाजवादी पार्टी ने इसे राज्य सरकार के कार्यों को मिला जनसमर्थन करार दिया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे सत्ता का दुरपयोग करके हासिल की गयी ‘खोखली जीत’ बताया है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने विधान परिषद चुनाव में सपा की जोरदार जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे साफ है कि प्रदेश सरकार के क्रियाकलापों से जनता संतुष्ट है.
उन्होंने कहा कि यह संकेत है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सपा को जनता का जबर्दस्त समर्थन मिलेगा.’ दूसरी ओर, बसपा मुखिया मायावती ने इन ‘अप्रत्यक्ष चुनाव’ के परिणामों को माफिया तत्वों तथा सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके हासिल की गयी ‘खोखली जीत’ करार देते हुए कहा कि इस पर सपा द्वारा अपनी पीठ थपथपाना सस्ती मानसिकता तथा अपने गिरे हुए मनोबल को थोड़ा संभालने का असफल प्रयास बताया है. उन्होंने कहा कि इस अप्रत्यक्ष चुनाव में सपा सरकार के प्रति जनता के व्यापक आक्रोश की कोई भूमिका नहीं है. इस कारण सपा की यह जीत बे मायने भले ना हो लेकिन खोखली जरूर है. इन चुनाव नतीजों से जनता भी काफी दुखी और परेशान है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पी. एल. पुनिया ने चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि सपा की जीत सीधे तौर पर सत्ता के गलत इस्तेमाल का नतीजा है. राज्यसभा सदस्य पुनिया ने कहा कि जिस तरह ग्राम प्रधानों, बीडीसी सदस्यों इत्यादि जनप्रतिनिधियों पर सपा प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान के लिये दबाव बनाने के मकसद से प्रशासन और पुलिस कादुरूपयोग किया गया, उसे देखते हुए व्यवस्था में परिवर्तन होना चाहिए.
पुनिया ने कहा कि हम इन चुनाव की व्यवस्था में परिवर्तन के लिये निर्वाचन आयोग को सुझाव देंगे. इस तरह से तो प्रजातंत्र से खिलवाड़ हो रहा है. ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 28 सीटों के चुनाव में आज सत्तारुढ समाजवादी पार्टी ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए 23 सीटों पर कब्जा कर लिया. आठ सीटों पर पहले ही निर्विरोध विजय प्राप्त कर चुकी सपा को अब उच्च सदन में भी बहुमत हासिल हो गया है. इन चुनाव नतीजों से विपक्षी दलों को करारा झटका लगा है. मुख्य विपक्षी दल बसपा को जहां मात्र दो सीटें मिलीं वहीं, भाजपा खाता भी नहीं खोल सकी. कांग्रेस को एक सीट मिली.