एचइसी एफएफपी प्लांट के पीछे के इस इलाके में 60 से 70 परिवार रहते है़ं ये गरीबी का दंश झेल रहे हैं, जिस कारण यहां अवैध रूप से रहने को मजबूर है़ं लोगों ने यहां बसेरा तो बना लिया, लेकिन जिंदगी मुश्किल मैं है. दूषित पानी और हवा की वजह से यहां रहनेवाले लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. किसी को दिल की बीमारी है, तो किसी की किडनी खराब. कई लोगों का असमय देहांत हो चुका है. पूरा इलाका जहरीला हो गया है़.
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अनदेखी: जहां जमा होता है एचइसी प्लांट का कचरा, वहां बसी बस्ती, इलाका बना जहरीला, हर घर में फैल रही है बीमारी
रांची : एचइसी के अंदर गढ़ाटोली, ढीपाटोली और गिरजाटोली में रहनेवाले लोगों का जीवन दूभर हो गया है़ यह एचइसी का डंपिंग इलाका है़ यहां प्लांट से निकलनेवाले कचरे को जमा करने के लिए तालाब बना हुआ है. इस अवशेष से यहां आसपास का पानी और हवा दूषित हो चुका है, लेकिन इस तालाब के […]
रांची : एचइसी के अंदर गढ़ाटोली, ढीपाटोली और गिरजाटोली में रहनेवाले लोगों का जीवन दूभर हो गया है़ यह एचइसी का डंपिंग इलाका है़ यहां प्लांट से निकलनेवाले कचरे को जमा करने के लिए तालाब बना हुआ है. इस अवशेष से यहां आसपास का पानी और हवा दूषित हो चुका है, लेकिन इस तालाब के आसपास अवैध तरीके से बस्ती बसा ली गयी है.
नहीं है मूलभूत सुविधा : गढ़ाटोली, ढीपाटोली व गिरजाटोली में मूलभूत सुविधा का अभाव है. वहां रहनेवाले लोग एचइसी प्लांट से निकलनेवाले गंदा पानी में नहाने और कपड़ा धोने का कार्य करते हैं. वहीं, कुछ लोग चुआं खोद कर पानी का प्रयोग करते हैं.
एचइसी ने स्थापना काल के समय फैक्टरी के अवशेष के लिए तालाब का निर्माण किया था. लोगों द्वारा उस तालाब का नाम जहर तालाब रखा गया. उस तालाब में पाइप के माध्यम से मोबिल, ग्रिस व अन्य पदार्थ को डंप किया जाता है. आसपास के क्षेत्रों में फैक्टरी से निकलनेवाले कोयला के राख को भी डंप किया जाता है. तालाब पूरी तरह से लबालब भरा है. बारिश होने पर उसका पानी आसपास के इलाके में फैल जाता है. तालाब के आसपास का वातावरण भी पूरी तरह से प्रदूषित है. वहां की हवा से ग्रिस-मोबिल की दुर्गंध आती है, जिससे लोग हमेशा बीमार रहते हैं.
हमारी काेई नहीं सुनता
मुझे टीवी की बीमारी है. डॉक्टर ने कहा कि पानी व प्रदूषण के कारण बीमारी हुई है. पैसे के अभाव में इलाज भी नहीं करा सकता. कहां जायें, कोई सुननेवाला नहीं है. पार्षद और विधायक केवल वोट मांगने आते हैं.
राजेश कुमार , एचइसी गढ़टोली निवासी
आखिर कहां जायें रहने
मजदूरी का काम करते हैं. घर का एक सदस्य हर माह बीमार रहता है. दवाई-डाक्टर के अलावा खाने-पीने का खर्च अलग. मजबूरी में यहां रह रहे हैं़ आखिर कहां जायें़ सरकार यहां के गरीबों को कहीं बसाने का कार्य करे.
सुरेश राम, एचइसी गढ़टोली निवासी
कैसे छाेड़ दें जगह
सबसे ज्यादा परेशानी पानी की है. बहुत दूर से पानी लाना पड़ता है. सांस लेने की तकलीफ है. सरकारी डाॅक्टर से दिखाया, तो उन्होंने कहा-जहां रहते हो, उस जगह को छोड़ दो. आखिर कहां जायें हम? .
रामदेई देवी , एचइसी गढ़टोली निवासी
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