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लीजिए, तैयार है कैंसर का पहला टीका.

अब तक माना जाता था कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है लेकिन इसके लिए भी एक नया टीका ईजाद कर लिया गया है. यह टीका शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम को सक्रिय करेगा, ताकि वह शरीर में जहां भी ट्यूमर फैल रहा हो, उसे जाकर नष्‍ट कर दे. इस नए टीके का सफल परिक्षण एक ब्रिटिश […]

अब तक माना जाता था कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है लेकिन इसके लिए भी एक नया टीका ईजाद कर लिया गया है. यह टीका शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम को सक्रिय करेगा, ताकि वह शरीर में जहां भी ट्यूमर फैल रहा हो, उसे जाकर नष्‍ट कर दे.

इस नए टीके का सफल परिक्षण एक ब्रिटिश महिला पर किया गया है. यह महिला दुनिया की पहली कैंसर रोगी बन गई हैं. जिसे कैंसर को खत्‍म करने का टीका लगाया गया है.

35 वर्षीय कैली पॉटर को जुलाई 2015 में एडवांस सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित पाया गया. वह पहली महिला हैं जिन्होंने अपना नाम कैंसर वैक्‍सीन के ट्रायल के लिए लिखवाया. यह प्रयोग अगले दो साल तक चलेगा, जिसमें 30 वॉलेंटियर्स भी शामिल होंगे.

मेडिकल रिसचर्स ने वैक्‍सीन को इस तरह से डिजाइन किया है कि वह कैंसर सेल के खिलाफ इम्‍यून सिस्‍टम को सक्रिय करे, साथ ही ट्रायल में जिन मरीजों को शामिल किया गया है, उन्‍हें लो डोज की कीमोथैरेपी ड्रग्‍स भी दी जाएंगी. कैली को स्‍टेज फोर का सर्वाइकल कैंसर डायग्‍नोज किया गया था.

दुर्भाग्‍य से उनकी बीमारी शरीर के अन्‍य हिस्‍सों में भी फैल गई, जिसके चलते वह लंदन के गायज हॉस्पिटल में ट्रायल के लिए योग्‍य हो गईं थीं.

पॉटर ने बताया‍ कि अस्‍पताल में उनका अच्‍छी तरह से इलाज हो रहा था और उनकी कैंसर की बीमारी स्थिर हो गई थी. मगर, तब तक यह उनके लिवर और लंग्‍स तक बीमारी फैल चुकी थी.

पॉटर ने कहा कि जब मुझे बताया गया कि मैं इस वैक्‍सीन के ट्रायल के लिए योग्‍य वॉलेंटियर हूं, तो मुझे खुशी मिली. इस ट्रायल का हिस्‍सा बनने के बाद मेरे जीवन में कुछ अच्‍छा होने के लिए बदलाव आया है. यह बेहद सकारात्‍मक अनुभव है और वाकई मजेदार है. इस ट्रायल में शमिल होना मेरे लिए सम्‍मान की बात है.

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