विष्णु कुमार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार की ओर से जवाब दिया. उन्होंने खुद को राहुल गांधी द्वारा बारबारउदाहरण देकर तानाशाह बताये जाने का भी अपने ही खास अंदाज में जवाब दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने आज राहुल गांधीके तानाशाही वाले आरोपों का जवाब देने के लिए सोवियत संघ के तानाशाह जॉसेफ स्टालिन और निकिता क्रुश्चेव के उदाहरण का उल्लेख किया. ध्यान रहे कल भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी ने दो देश के तानाशाहाें का उदाहरण दिया था, जो कहता था कि वह अपने देश से बहुत प्यार करता है, झंडे को रोज सलाम करता है, लेकिन उसकी नीतियों के कारण देश बंट गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जब स्टालिन की मौत हो गयी तो क्रुश्चेव देश में जहां जाते उनकी कठोर आलोचना करते. उनके द्वाराकीजाने वाली इसी तीखे आलोचना के क्रम में एक बार जब क्रुश्चेव लोगों को संबोधित कर रहे थे,तो एक युवा खड़ा हुआ और बोला : आप स्टालिन को इतनी गालियां देते हैं, लेकिन जब वे जीवित थे तबआपनेक्या किया?उसयुवक के इस सवाल पर हॉल में सन्नाटा छागया.कुछक्षण बादक्रुश्चेव नेउसयुवक को कहा: यही फर्क है,तुमआज यहां मेरे सामने खड़े होकर सवाल इसलिएकरपा रहे हो क्योंकि मैं हूं,स्टालिनहोता तो नहीं कर पाते. प्रधानमंत्रीनेराहुलगांधी के द्वाराखुद पर किये जाने वाले तीखे कटाक्षों का जवाब इनपंक्तियों से दिया. राहुल ने कल कहा था कि किसी मुद्दे पर नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, आडवाणी जी व सुषमा स्वराज से नहीं पूछते.
लोकसभा में कल राहुल ने क्या कहा था?
राहुल ने यूगोस्लाविया के पूर्व राष्ट्रपति मिलोसेविच और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खां का उल्लेख करते हुए कहा था कि ये दोनों ही अपने अपने देशों के राष्ट्र ध्वजों को रोज सैल्यूट करते थे लेकिन न तो मिलोसेविच अपने देश के लोगों की भावनाओं का आदर कर पाए और न ही याह्या खां अपने तब के देश में पंजाबी और बंगालियों की भावनाओं का आदर कर पाए … और दोनों ही देश टूट गए.
कौनथे युगोस्लाविया के पूर्व राष्ट्रपति मिलोसेविच?
युगोस्लाविया के पूर्व राष्ट्रपति स्लोबोदान मिलोसेविच का जन्म 29 अगस्त 1941 में हुआ था.उन्होंने बेलग्रेडविश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और स्कूली दिनों की अपनी दोस्त से शादी की. मिलोसेविचकेमाता-पिता ने आत्महत्या करलीथी. वह दुनिया के पहले राष्ट्राध्यक्ष थे, जिनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पंचाट में मुकदमा चला था. 1987 तक 46 वर्षीय यह शख्स अपने देश में कम ही जाना जाता था, लेकिन उसके बाद 13 सालों में इस व्यक्ति का तीव्र उत्थान व तीव्र पतन हुआ. आरंभ में उन्हें लोग सर्बिया के राष्ट्रपति इवान स्टाम्बोलिच के राजनीतिक शिष्य के रूप में देखते थे. अप्रैल 1987 में उन्हें कोसोव प्रांत में एक मामला सुलझाने मेंउसशख्स ने खुद को स्थापित कर लिया. सर्बों की एक राजनीतिक सभा में पुलिस ने हस्तक्षेप किया था. मिलोसेविच खुद एक सर्ब थे और उनकी आवाज बुलंद कर उन्होंने उनका नेतृत्व हासिल कर लिया. वे 1989 में सर्बिया के राष्ट्रपति बने. फिर आठ साल बाद वे युगोस्लाविया के राष्ट्रपति बने. सोविया संघ के विखंडन के बाद युगोस्लाविया से क्रोशिया व बोस्निया ने अलग होने का फैसला किया. फिर 1996 – 97 में मिलोसेविच शासन के खिलाफ जनता सड़क पर आ गयी. उन पर चुनाव के मतों में हेेरफेर का आरोप लगा. 2000 में वे चुनाव हारे और सत्ता छोड़नी पड़ी.
कौनथे याह्या खान?
याह्या खान पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह थे. वे वहां के तीसरे शासक थे. 1969 में उनका शासन शुरू हुआ था और दिसंबर 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद बांग्लादेश के स्वतंत्र होने पर खत्म हुआ. कहा जाता है कि उनके शासन केपाकिस्तानके पंजाबी व बंगाली लोगों में अविश्वास बढ़ा औ देश टूट गया. उनके बाद जुल्फीकार अली भुट्टो पाकिस्तान के शासक बने.
कौनथे जॉसेफ स्टालिन?
जॉसेफ स्टालिन सोवितय संघ का एक तानाशाह थे. 18 दिसंबर 1878 को जन्मे स्टालिन की मौत पांच मार्च 1953 को हुई. वह 1922 से 1953 तक अपनी मौत तक सोवियत संघ के शासक रहे. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ सोवियत यूनियन के वे दशकों तक महासचिव रहे. स्टालिन जर्मन तानाशाह हिटलर के मित्र थे और इसी कारण वे मानते थे कि जर्मनी उन पर हमला नहीं कर सकता. उन्हें उनके लोगों द्वारा इस संबंध में सूचित भी किया जाता तो वे उसे नजरअंदाज करते थे, लेकिन जर्मनी ने22 जून 1941में सोवियत संघ पर हमला किया.स्टालिनकी मौत के बाद देश की कमान संभालने वाले निकिता क्रुश्चेव ने खुलासा किया था कि 1937-38 के बीच पार्टी की केंद्रीय समिति के 139 सदस्यों में से 98 की हत्या स्टालिन के आदेश पर हुई थी. क्रुश्चेव ने कहा था कि स्टालिन के पूर्ववर्ती लेनिन अपनी अखिरी वसीयत के अनुसार नहीं चाहते थे कि स्टालिन उनका उत्तराधिकारी बनें.
कौनथेनिकिता क्रुश्चेव?
स्टालिन की मौत के बाद निकिता क्रुश्चेव ने कम्युनिस्ट पार्टी व देश की कमान संभाली. वे पार्टी के फर्स्ट सेक्रेटरी बने. 1953 से 11 साल तक इस पद पर रहे. वे 1958 से 1964 तक सोवियत मंत्री परिषद के चेयरमैन पद पर रहे. उन्होंने स्टालिन की मौत के बाद देश व पार्टी को संभालने के बाद उनकी कई ज्यादितियों का खुलासा किया और लोगों से कहा कि वे चाहते हैं कि वे स्टालिन के तीन दशक के आभामंडल से बाहर आ जायें. क्रुश्चेव ने इसके लिए काम भी किया.
बहारहाल, इन्हीं हस्तियों के सहारे राहुल गांधी व नरेंद्र मोदी के बीच राजनीतिक जंग जारी है.