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उदासीनता. शिलापट लगाने के बाद भी नहीं कराया जा रहा है सड़क का निर्माण

सड़क को उद्धारक की है दरकार उदाकिशुनगंज प्रखंड के पिपरा करौती पंचायत के छर्रापटटी गांव की सड़कों से गुजरने के बाद विकास के दावे बेमानी साबित हो जायेंगे. कच्ची सड़कों पर ईंट का एक टुकड़ा अब तक नहीं डाला गया है, जबकि चुनाव से पहले शिलापट लगाने में जनप्रतिनिधियों ने कोर कसर नहीं छोड़ी है. […]

सड़क को उद्धारक की है दरकार

उदाकिशुनगंज प्रखंड के पिपरा करौती पंचायत के छर्रापटटी गांव की सड़कों से गुजरने के बाद विकास के दावे बेमानी साबित हो जायेंगे. कच्ची सड़कों पर ईंट का एक टुकड़ा अब तक नहीं डाला गया है, जबकि चुनाव से पहले शिलापट लगाने में
जनप्रतिनिधियों ने कोर कसर नहीं छोड़ी है. ग्रामीणों ने शिकायत तो की, लेकिन सड़क की स्थिति ज्यों की त्यों है. न पदाधिकारियों की नजरें इनायत होती है और न विधायक ही इस बारे में कुछ सोचने के लिए तैयार हैं.
उदाकिशुनगुज : वर्ष 1994 में छर्रापट‍टी को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण किया गया था. दस साल बाद जब सड़ टूट गयी तो ग्रामीणों ने फिर से इस सड़क के पक्कीकरण के लिए प्रयास किया. जनप्रतिनिधियों से गुहार लगायी लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. बाद में उन्होंने आस छोड़ दी. 1994 में बनी इस सड़क की लंबाई तीन किमी है. जबकि इस सड़क पर पूर्व विधायक मद से ही ईंट सोलिंग की गयी थी. इस बार इस सड़क की दूरी को मात्र 1.295 किमी में समेट दिया गया.
नहीं डाला गया है ईंट का टुकड़ा . बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र, उदाकिशुनगंज प्रखंड के यह गांव सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है. पूर्व विधायक सह पूर्व मंत्री रेणु कुशवाला ने मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अंतर्गत हालिया विधानसभा चुनाव से ऐन पहले 1.295 किमी लंबी सड़क बनाने संबंधी शिलापट लगवाया तो ग्रामीणों में सड़क बनने को लेकर आशाएं जगीं. लेकिन यह केवल चुनावी हथकंडा साबित हुआ. सड़क पर एक ईंट भी नहीं डाली गयी.
कहते हैं ग्रामीण . इस संबंध में ग्रामीण दीपक कुमार ने बताया कि यह सड़क 1994 ई में बनायी गयी थी. गांव के ही अनिल कुमार यादव का कहते हैं कि चुनाव के समय सभी प्रतिनिधि अपने अपने अंदाज में कई प्रकार की घोषणाएं करते हैं लेकिन शायद ही कोई घोषणा हकीकत बन पाती है. रौशन कुमार कहते हैं कि पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद पंचायत में तीन बार प्रतिनिधि चुने गये हैं. लेकिन हर बार सड़क का दोहन ही किया गया. सचित यादव कहते हैं कि इसकी शिकायत लिखित रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी दी गयी. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
अर्जुन कुमार, श्रवण कुमार आदि कहते हैं कि इधर आठ माह पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा द्वारा करौती बाजार के पास एक शिलापट्ट लगा कर छोड़ दिया गया है. शिलापट्ट लगने के बाद हम ग्रामवासी में एक आस जगी थी कि तीन किमी नहीं सही कम से कम 1.295 किमी सड़क भी तो बनेगी. लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में दबी पड़ी है.
कहते हैं मुखिया . पंचायत के मुखिया छोटे लाल पोद्दार ने बताया कि सड़क बनाये जाने को लेकर कई बार एसक्यूटिव उदाकिशुनगंज से बातचीत की गयी है लेकिन हर बार नाकाम साबित होना पड़ा है. संबंधित विभाग के अभियंता ने बताया कि ठेकेदार की तबीयत खराब रहने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. जल्द ही कार्य शुरू किया जायेगा.

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