सैयद मोहम्मद अली और उनकी पत्नी राहिला मोईन एक हंसमुख जोड़ी हैं. दोनों में ज़बरदस्त केमिस्ट्री है. वो एक साथ श्रीनगर के प्रसिद्ध लाल चौक पर एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते हैं.
दोनों जितना एक दूसरे से प्यार करते हैं उतना ही क्रिकेट से भी. लेकिन मुसीबत ये है कि क्रिकेट इनके बीच तनाव का कारण भी बनता है.
वो इस तरह कि राहिला पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को सपोर्ट करती हैं और अली भारत की टीम को.
हाल में दोनों देशों के बीच हुए एशिया कप के क्रिकेट मैच में पाकिस्तान की हार से मायूस होकर राहिला टीवी तोड़ते-तोड़ते रह गईं.
मैंने राहिला से पूछा, "भारत जब जीतने की कगार पर था तो आपका दिल तो बैठ गया होगा?
राहिला से पहले अली चुटकी लेते हुए बोले, "मेरा दिल बैठा रहा था क्योंकि ये (पत्नी) परेशान हो रही थीं."
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान इनके बीच अक्सर ‘नोंक- झोंक’ हो जाती है. लेकिन राहिला के मुताबिक़, "इतना भी नहीं कि झड़प हो जाए."
लेकिन राहिला का पाकिस्तान से प्रेम क्रिकेट तक सीमित है. राजनीति में वो पाकिस्तान की तरफ़दारी नहीं करती हैं.
उनके अनुसार एक ज़माने में कश्मीर में पाकिस्तान को बहुत सपोर्ट हासिल था लेकिन अब बहुत कम हो गया है. लेकिन ऐसा क्यों?
राहिला बताती हैं, "जब से पाकिस्तान आना-जाना शुरू हुआ है, पाकिस्तान का माहौल सामने आ गया है. जो कश्मीरी युवक पाकिस्तान से अब भी हमदर्दी रखते हैं, वो यूँ ही बोलते हैं, उन्हें मालूम ही नहीं कि उन्हें क्या चाहिए."
अली कहते हैं, "पहले कश्मीर और पाकिस्तान के बीच एक पर्दा था, जो अब उठ गया है. पाकिस्तान के बारे में पहले अधिक जानकारी नहीं थी."
वो आगे कहते हैं, "वहां (पाकिस्तान ) अब जो भी हो रहा है, वो सभी को मालूम है. वहां की तुलना में यहां ज़्यादा बेहतर."
अली मोदी के भक्त हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक होने के बावजूद अपनी पत्नी की तरह वो भी ‘आज़ादी के समर्थक’ हैं.
वो कहते हैं, "मोदी को अपना समर्थन देते रहेंगे. हम भारत की मदद के बग़ैर हम कुछ नहीं कर सकते."
एशिया कप और उसके आगे वर्ल्ड कप के बारे में अली कहते हैं, "भारत की टीम मज़बूत है और मैं चाहता हूँ कि वो अच्छा करे. लेकिन कांटे की टक्कर होनी चाहिए, कई बार जब पाकिस्तान की टीम जल्द ही ढ़ेर हो जाती है तो मज़ा नहीं आता."
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