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शिक्षा से सामाजिकता, राष्ट्रीयता और मानवता की भावना सुदृढ़ हो: डीएम

जहानाबाद नगर : स्वामी सहजानंद सरस्वती पुस्तकालय सह वाचनालय में एसोसिएशन फॉर स्टडी एंड एक्शन संस्था द्वारा नयी शिक्षा नीति 2015 पर परिसंवाद का आयोजन किया गया. बिहार भूदान यज्ञ समिति के अध्यक्ष कुमार शुभमूर्ति की अध्यक्षता में आयोजित परिसंवाद में डीएम मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के निर्माण में गंभीरता […]

जहानाबाद नगर : स्वामी सहजानंद सरस्वती पुस्तकालय सह वाचनालय में एसोसिएशन फॉर स्टडी एंड एक्शन संस्था द्वारा नयी शिक्षा नीति 2015 पर परिसंवाद का आयोजन किया गया. बिहार भूदान यज्ञ समिति के अध्यक्ष कुमार शुभमूर्ति की अध्यक्षता में आयोजित परिसंवाद में डीएम मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के निर्माण में गंभीरता से विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है.
यह अच्छी बात है और यह होना भी चाहिए कि नीति के निर्धारण में नीचे से बहस को जन्म देकर नियामक संस्था तक बात जानी चाहिए तभी नीति-निर्धारण का कार्य मुक्कमल होगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा की नीति ऐसी बने ताकि शिक्षा प्राप्त कर मनुष्य के अंदर सामाजिकता, राष्ट्रीयता और मानवता की भावना सुदूढ़ हो.
इस अवसर पर आसा के संयोजक डॉ. अनिल कुमार ने संस्था द्वारा मानव संसाधन विभाग को सौंपे गये विमर्श पत्र पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि शिक्षा के व्यावसायिककरण को रोकना होगा. बाजार शिक्षा तय न करें.
नयी शिक्षा नीति जो प्रस्तावित है उसमें शिक्षा के नीजिकरण एवं पीपीपी मोड में शिक्षा को ले जाने की बात कही गयी है. जो देश के लिए हितकर नहीं होगा. वहीं श्रम संसाधन विभाग के पूर्व निदेशक नवीन चंद्र ने शिक्षा व्यवस्था की पड़ताल उसके ऐतिहासिक,सामाजिक, राजनीतिक संदर्भों में की. उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से शिक्षितों को एक औजार के रूप में तब्दील नहीं किया जाये. जो प्रयास हो रहा है उससे शिक्षा की मूल आत्मा ही समाप्त हो जायेगी.
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि समान विकास के लिए समान स्कूल शिक्षा प्रणाली का होना जरूरी है. वहीं कल्पना शास्त्री ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा मिले. जागरूक समाज ही राष्ट्र को आगे ले जायेगा. इस अवसर पर शिक्षाविद मो. अजीम ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए नयी शिक्षा नीति एवं आशा द्वारा दिये गये विमर्श पत्र पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुमार शुभमूर्ति ने गांधीवादी शिक्षा के महत्व को बताया.
उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा प्रतिस्पर्धात्मक है जो आपसी असहयोग को बढ़ावा देती है. कार्यक्रम के सह संयोजक मगध ग्रामीण बैंक के पूर्व प्रबंधक विश्वनाथ प्रसाद द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया गया. परिसंवाद में अनुमंडल पदाधिकारी डाॅ. नवल किशोर चौधरी, राजकिशोर शर्मा, भोला शर्मा, राकेश कुमार, प्रो. अरुण कुमार, प्रो. रमेश कुमार, प्रो. अकील साहेब आदि उपस्थित थे.

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