लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकार के प्रयास से अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत अब गरीब के बच्चे भी निजी स्कूलों में निःशुल्क पढ़ाई कर सकेंगे. सरकार ने अपने पिछले आदेश में कहा था कि निःशुल्क दाखिले की बात केवल शहर के वार्डों तक सीमित रहेगी लेकिन अब इसे एक किलोमीटर कर दिया गया है. इस आदेश के बाद शहर हो या गांव सभी गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलेगा. सरकार के आदेश के मुताबिक सरकारी स्कूल की एक कक्षा में 30 बच्चों का नामांकन हो जाने के बाद यह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह अलाभान्वित वर्ग के बच्चों का निःशुल्क दाखिला पड़ोस के निजी स्कूल में करायें.
गौरतलब हो कि फीस की पूर्ति राज्य सरकार करेगी. अधिनियम की मुख्य मंशा हर बच्चे तक शिक्षा को पहुंचाना है. सभी निजी विद्यालयों को तीस फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों का नामांकन लेना अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं करने पर राज्य सरकार इन स्कूलों पर कानूनी कार्रवाई करेगी.