भागीरथी प्रयास से चंदनकियारी में उतरी गवाई परियोजना
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भागीरथी प्रयास से चंदनकियारी में उतरी गवाई परियोजना चंदनकियारी : जिस प्रकार भागीरथ के प्रयास से गंगा को धरती पर लाया गया था, उसी प्रकार उनके एक साल के कार्यकाल के अथक प्रयास के दौरान गवाई बराज परियोजना को स्वीकृति मिली है़ यह सिर्फ कागजी नहीं, बल्कि विभाग में इसके पुनरुद्धार के लिए पैसा तक […]
चंदनकियारी : जिस प्रकार भागीरथ के प्रयास से गंगा को धरती पर लाया गया था, उसी प्रकार उनके एक साल के कार्यकाल के अथक प्रयास के दौरान गवाई बराज परियोजना को स्वीकृति मिली है़ यह सिर्फ कागजी नहीं, बल्कि विभाग में इसके पुनरुद्धार के लिए पैसा तक पहुंच चुका है़ एक-दो महिना में काम दिखने लगेगा़ अरबों रुपया के प्रोजेक्ट चास-चंदनकियारी की जनता के लिए समर्पित होगा़ यह कहना है सूबे के भू-राजस्व, कला, संस्कृति, खेलकूद, निबंधन सह युवा कार्य मामले के मंत्री अमर कुमार बाउरी का. वह चंदनकियारी स्थित अपने आवासीय कार्यालय में संवाददाता से बात कर रहे थे.
राजनीतिक रोटियां सेंकी गयीं : श्री बाउरी ने कहा कि 1972-73 में क्षेत्र की हरियाली के लिए महानुभावों ने इसकी नींव रखी थी, परंतु इसमें कार्य से ज्यादा राजनीति रोटियां सेंकी गयी है़ं एक साल के लगातार प्रयास से इस योजना को शुरू करने में सफलता मिली. इस परियोजना के काम की मॉनीटरिंग उन्होंने खुद करने की बात कहीं. कहा कि हजारों एकड़ सिचाई क्षमता रखने वाले गवाई बराज से रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था होगी़ मंत्री ने कहा : किसानों के अनाज को सुरक्षित रखने के लिए अतिशीघ्र कोल्ड स्टोरेज भी बनाया जायेगा़ कहा कि हमारे यहां के मेहनतकश किसानों को अगर बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था हो जाय तो वे इस धरती से सोना उपजा सकते है़ं मौके पर संजय सिंह, अनुकूल ओझा, संजय शर्मा, भूपति ठाकुर समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे़
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