इंदौर : देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जान-बूझकर निशाना बनाये जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक जैसे प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत ने देशद्रोह के इल्जाम में गिरफ्तार किया था. दिग्विजय ने इंदौर प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा, ‘ब्रिटिश हुकूमत में महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक भी देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए थे. देश के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल कई लोगों के खिलाफ देशद्रोह निरोधक कानून का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन जिस प्रकार भाजपा द्वारा (जेएनयू मसले को लेकर) पूरे देश में माहौल बनाया गया है, हम इसका विरोध करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘एक जमाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा लोगों को हिंदू होने का प्रमाणपत्र बांटते थे. आज ये दोनों हमें राष्ट्रप्रेम का प्रमाणपत्र भी देना चाहते हैं. ये वे लोग हैं, जो भारत की आजादी की लडाई में भाग न लेते हुए ब्रिटिश हुकूमत का साथ देने को राष्ट्रप्रेम मानते थे. आज ये लोग आजाद भारत में हमें राष्ट्रप्रेम की नयी परिभाषा सिखा रहे हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अपनी कथित नाकामियों को छिपाने के लिये जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मामले को तूल देकर राष्ट्रद्रोह और राष्ट्रप्रेम की बेजा बहस खडी कर रही है और लोगों पर ‘फासीवादी विचारधारा’ थोपने की कोशिश कर रही है.
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जान-बूझकर निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि जांचकर्ताओं के पास कन्हैया के खिलाफ इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि उसने जेएनयू परिसर में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की थी. कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘भाजपा जम्मू-कश्मीर में उस दल के साथ सरकार चलाती है, जिसके लोग संसद पर हमले के मुजरिम अफजल गुरु की फांसी के विरोध में खुलेआम नारेबाजी करते हैं. लेकिन जब जेएनयू का कोई विद्यार्थी इस तरह की नारेबाजी करता है, तो उस पर देशद्रोह का मामला दर्ज कर दिया जाता है.’
जब दिग्विजय के सामने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के संसद में 24 फरवरी को दिये आक्रामक भाषण का जिक्र किया गया, तो उन्होंने छूटते ही दावा किया, ‘स्मृति भाजपा की सदस्यता लेने से 15 दिन पहले तक कांग्रेस में शामिल होना चाहती थीं.’ उन्होंने स्मृति पर कटाक्ष किया, ‘आज तक पता नहीं चल सका है कि देश की मानव संसाधन विकास मंत्री की वास्तविक शैक्षणिक योग्यता क्या है.’ दिग्विजय ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के दबाव के कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी घटनाओं को लेकर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच धीमी कर दी है.