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चार्टर ऑफ डिमांड व सूची बनाने में जुटे मजदूर संगठन

31 मार्च तक कोयला मंत्रालय को सौंप देनी है सूची 30 जून 2016 को समाप्त हो जायेगी नौवें वेतन समझौते की अवधि एक जुलाई 2017 से शुरू होगा दसवां कोयला वेतनमान समझौता कमेटी गठन के बाद शुरू होगी वार्ता बेरमो : कोयला मजदूरों के लिए दसवां कोयला वेतनमान समझौता के लिए कोल सेक्टर में कार्यरत […]

31 मार्च तक कोयला मंत्रालय को सौंप देनी है सूची

30 जून 2016 को समाप्त हो जायेगी नौवें वेतन समझौते की अवधि
एक जुलाई 2017 से शुरू होगा दसवां कोयला वेतनमान समझौता
कमेटी गठन के बाद शुरू होगी वार्ता
बेरमो : कोयला मजदूरों के लिए दसवां कोयला वेतनमान समझौता के लिए कोल सेक्टर में कार्यरत मान्यता प्राप्त मजदूर संगठन इंटक, एटक, एचएमएस, बीएमएस व सीटू के नेताओं ने चार्टर ऑफ डिमांड बनाने सहित जेबीसीसीआइ सदस्यों की सूची बनाने का काम शुरू कर दिया है. कोयला मंत्री ने 31 मार्च तक सभी मजदूर संगठनों से चार्टर ऑफ डिमांड देने की बात कहीं है, ताकि समय सीमा के अंदर राष्ट्रीय कोयला वेतनमान समझौता दस को लेकर कमेटी का गठन कर वार्ता का दौर शुरू किया जा सके.
बताते चलें की 30 जून 2016 को नौवां कोयला वेतनमान समझौता की अवधि समाप्त हो रही है. एक जुलाई 2016 से दसवां कोयला वेतनमान समझौता लागू हो जायेगा. मालूम हो कि वेतनमान समझौता के लिए केंद्र सरकार की आेर से जेबीसीसीआइ के गठन के लिए आदेश आता है. मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठनों के राष्ट्रीय स्तर पर जो पैरेंट बॉडी हैं,
उनसे जेबीसीसीआइ गठन के लिए सदस्यों की सूची कोल इंडिया ने मांगी है. यूनियनों द्वारा रेगूलर व अल्टरनेट मेंबरों की सूची उपलब्ध कराने के बाद वेतनमान समझौता के लिए वार्ता का दौर शुरू हो जायेगा. सरकार भी चाह रही है कि समय सीमा के अंदर एनसीडब्ल्यू-10 हो जाये, ताकि कोल इंडिया पर बेवजह एरियर का बोझ नहीं पड़े.
कोटे को लेकर इंटक में चलेगा विवाद : राष्ट्रीय कोयला वेतनमान समझौता में जेबीसीसीआइ सदस्यों की कुल संख्या 36 है, जिसमें सबसे ज्यादा इंटक कोटे से 6-6 रेगुलर व अल्टरनेट मेंबरों के अलावा एटक, एचएमएस, बीएमएस व सीटू के 3-3 रेगुलर व अल्टरनेट मेंबर होते हैं. वहीं प्रबंधन की ओर से कुल 16 मेंबर होते हैं, जिसमें कोल इंडिया चेयरमैन, डीटी, डीपी, डीएफ के अलावा सभी कंपनियों के एचओडी (सीएमडी) होते हैं.
नौवां कोयला वेतनमान समझौता में रेगुलर व अल्टरनेट मेंबरों को मिला कर सबसे ज्यादा सदस्य श्रमिक संगठन इंटक की आेर से थे. नौवां वेजबोर्ड के लिए गठित जेबीसीसीआइ में इंटक की आेर से 4-4 रेगुलर व अल्टरनेट मेंबर के अलावा एटक, एचएमएस, बीएमएस व सीटू की आेर से 3-3 रेगुलर व अल्टरनेट मेंबर मिला कर कुल 16 रेगुलर व 16 अल्टरनेट मेंबर शामिल थे. वहीं इंटक ददई गुट के लिए 2-2 रेगुलर व अल्टरनेट मेंबर दिये गये थे, जिसे ददई दुबे ने लेने से इंकार कर दिया था. इस बार पुन: जेबीसीसीआइ सदस्यों की सूची को लेकर इंटक के दोनों गुटों के बीच विवाद होगा.
फिलहाल इंटक की आेर से चार रेगुलर मेंबरों में डॉ जी संजीवा रेड्डी, राजेंद्र प्रसाद सिंह, बी पाणीग्रही व एसक्यू जामा तथा एटक की आेर से रेगुलर मेंबरों में रमेंद्र कुमार, आरसी सिंह, वी सीतारमैया सहित एक अन्य शामिल हैं. 1975 के दौर में इंटक की आेर से रेगुलर व अल्टरनेट सदस्यों की संख्या छह तथा एटक के 3 सहित अन्य यूनियन एचएमएस, बीएमएस व सीटू के एक-एक सदस्य शामिल थे.

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