भले एक भी बिल पास न हो, लेकिन इन सांसदों के भत्ते जरूर बनते-बढ़ते हैं. कब कौन सफेदपोश नेता भ्रष्ट निकल जाये, कहना मुश्किल है़ सत्ता पक्ष या विपक्ष किसका पक्ष ले, इस पर भी आफत है, क्योंकि सभी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. बड़े लोकतंत्र में ऐसे छोटे काम क्यों?
बड़े लोकतंत्र में छोटे काम
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लेकिन नेताओं ने इस लोकतंत्र के मायने बदल दिये हैं. यहां लोकतंत्र का मतलब हर नेता अपने हिसाब से लगाता है, यानी नेता जो चाहे वही हो. उनके लिए यही लोकतंत्र है और अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती तो वही होता है, जो हम संसद में लाइव […]
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लेकिन नेताओं ने इस लोकतंत्र के मायने बदल दिये हैं. यहां लोकतंत्र का मतलब हर नेता अपने हिसाब से लगाता है, यानी नेता जो चाहे वही हो. उनके लिए यही लोकतंत्र है और अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती तो वही होता है, जो हम संसद में लाइव देखते हैं.
संघर्ष यादव, कोलकाता
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