घाटशिला : धालभूमगढ़ के ग्रेवल और स्टोन खदानों के असंगठित सैकड़ों मजदूरों ने खदानों को चालू करने की मांग पर बुधवार को घाटशिला के काशिदा एथलेटिक्स क्लब मैदान से जुलूस निकाला. जुलूस का नेतृत्व चूना अली, संतोष दास, तपन कुमार साव, नौशाद अली, कमल सिंह सोलंकी, रॉबिन नारायण देव ने किया.
जुलूस में शामिल मजदूर अपने हाथों में नारे लिखे तख्तियां लिए हुये थे. मुख्य पथ का परिभ्रमण करते हुए मजदूर अनुमंडल कार्यालय पहुंचे और सभा की. सभा के बाद मजदूरों का एक प्रतिनिधि मंडल एसडीओ की अनुपस्थिति में कार्यपालक दंडाधिकारी देवेंद्र कुमार दास से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा.
पलायन के सिवा दूसरा रास्ता नहीं:मजदूरों ने कहा कि ग्रेवल और स्टोन खदान बंद होने से मजदूरों के समक्ष पलायन के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. यहां रोजगार का कोई साधन नहीं है. खदान मालिक से काम मांगने पर कहा जाता है कि सरकार लीज नवीकरण नहीं कर रही है. इसलिए काम नहीं दे सकते हैं. मजदूर पलायन कर रहे हैं. मौके पर पृथ्वी राज सिंह सोलंकी, लव साव, छवि रानी राय, कमली मुंडा, मोनी री, शकुंतला री, माही मांडी, राधिका लोहार आदि पुरुष और महिला मजदर मौजूद थे.
खदान चालू नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन : ग्रामीण
सभा में वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ भारत को मेक इन इंडिया बनाने की बात हो रही है, तो दूसरी तरफ असंगिठत मजदूरों को केंद्र और राज्य सरकार बेरोजगार करने पर तूली है. धालभूमगढ़ प्रखंड के ग्रेवल और स्टोन खदान में लगभग 30 हजार मजदूर कार्यरत थे. खदान को पर्यावरणीय स्वीकृति और लीज नहीं मिलने से सभी खदान बंद हैं. जिसके कारण खदानों के मजदूर के समक्ष रोजी-रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है. अगर खदानों का शीघ्र लीज नवीकरण नहीं होता है तो मजदूर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.