लखनऊ : गन्ना किसानों को उनके बकाये का भुगतान नहीं किये जाने का मुद्दा आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठा. विपक्ष ने सपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों को लेकर गंभीर नहीं है. भाजपा, कांग्रेस और बसपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया. प्रश्नकाल के दौरान गन्ना विकास राज्य मंत्री राम करन आर्य ने कहा कि दिसंबर 2015 तक निजी मिलों पर 1622 . 33 करोड रुपये बकाया था. दो फरवरी 2016 को यह मात्र 741 करोड रुपये रह गया. राज्य सहकारी मिलों ने शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है. यह भुगतान 2014-15 के पेराई सत्र का है.
उन्होंने कहा कि पेराई सत्र 2015-16 के लिए गन्ने का 2981 . 22 करोड रुपये बकाया था। किसानों को पूर्ण भुगतान के प्रयास किये जा रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. दोनों ही पार्टियों के सदस्य सदन से वाकआउट कर गये. नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य :बसपा: ने कहा कि सरकार भुगतान के नाम पर किसानों से धोखाधड़ी कर रही है. उन्होंने भी पार्टी सदस्यों के साथ नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर दिया.
रालोद सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार मिल मालिकों का बचाव कर रही है. वे आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. वे लोग पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक मिल विशेष के मालिक के खिलाफ कार्रवाई चाहते थे. बाद में संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने कहा कि उच्च न्यायालय के हाल के आदेश के मुताबिक मिल मालिकों को जेल नहीं भेजा जा सकता. सरकार भुगतान कराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.