जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने मंगलवार देर रात दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
इन दोनों पर नौ फ़रवरी को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप है.
उमर खालिद ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आत्मसमर्पण करने की इच्छा जताई थी.
इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें पुलिस के सामने समर्पण कर क़ानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने को कहा.
जेएनयू में आयोजित कार्यक्रम का एक तथाकथित वीडियो सामने आया था. इसके बाद भाजपा सांसद महेश गिरि ने पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई थी.
यह कार्यक्रम संसद हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु की बरसी पर आयोजित किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने इससे पहले इसी मामले में 12 जनवरी को जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया था.
पुलिस ने कन्हैया कुमार समते छह लोगों पर भारत विरोधी नारेबाजी करने का आरोप लगाया है.
इस मामले में जिन छात्रों के नाम हैं, उनमें से कई छात्र रविवार रात से ही जेएनयू परिसर में थे.
विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर मौजूद छात्रों को उमर खालिद और उनके साथियों ने रविवार रात संबोधित भी किया था.
उमर ने कहा था, "पिछले सात साल में मुझे कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ था कि मैं मुसलमान हूँ. मैंने ख़ुद को कभी भी मुसलमान की तरह नहीं पेश किया. पहली बार लगा कि मैं मुसलमान हूँ, और वो भी पिछले 10 दिनों में."
पुलिस ने रविवार रात परिसर में घुसने की कोशिश की थी. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे इजाजत नहीं दी.
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