वेल्लोर (तमिलनाडु) : राजीव गांधी हत्याकांड मामले की दोषी नलिनी श्रीहरन को आज उसके पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 12 घंटे की पेरोल दे दी गई. सुनवाई अदालत ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में नलिनी को 28 जनवरी 1998 को मौत की सजा सुनाई थी. तमिलनाडु के राज्यपाल ने 24 अप्रैल 2000 को नलिनी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया.
महिला कारागार के एक अधिकारी ने बताया ‘उसे 12 घंटे की पेरोल दी गई है और शाम तक वह जेल लौट आएगी.’ पुलिस के सिपाहियों के साथ नलिनी वेल्लोर केंद्रीय कारागार (महिला जेल) से सुबह छह बज कर 50 मिनट पर रवाना हुई. वह चेन्नई जा रही है जहां उसके पिता शंकर नारायणन का अंतिम संस्कार होगा. अंतिम संस्कार की रस्मों में नलिनी शामिल होगी.
पिछले साल 14 दिसंबर को नलिनी ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर तमिलनाडु सरकार को समय से पहले उसकी रिहाई के लिए उसके अभ्यावेदन पर विचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया था. उसका तर्क था कि वह 24 साल से अधिक सजा काट चुकी है.