।। अजय विद्यार्थी ।।
कोलकाता : लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बाद जेएनयू व यादवुपर विश्वविद्यालय में हो रहे आंदोलन का खुल कर समर्थन किया है. उन्होंने कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को भारतीय प्रजातंत्र का काला अध्याय करार दिया.
श्री चटर्जी ने कहा कि जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष की जिस तरह से गिरफ्तारी की गयी. उस पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया, जो साबित नहीं हो पा रहा है और कन्हैया कुमार व उनका समर्थन करने वालों के साथ कोर्ट परिसर में ही जिस तरह से मारपीट की गयी है. किसी भी सभ्य और प्रजातांत्रिक देश में इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. वाक् स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. यह तय कर दिया जा रहा है कि क्या खायें और क्या बोलें. उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ बात करने वालों व एक विशेष पार्टी के खिलाफ बोलने पर सभी स्वतंत्रताओं को हनन किया जा रहा है.
दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ सभी को एकजुट होकर विरोध करना होगा. उन्होंने जेएनयू कांड का विरोध करने वालों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सभी को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए. यह अस्तित्व का संकट है. विचार की स्वतंत्रका का हनन का संकट है. इसके खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा. राज्य में तृणमूल शासन के खिलाफ माकपा व कांग्रेस के एकजुट होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य की स्थिति चिंताजनक है.
ऐसी स्थिति में राज्य में प्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए सभी लोगों को फिर से परिवर्तन की कोशिश करनी होगी. उन्होंने कहा कि माकपा ने पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु को प्रधानमंत्री नहीं बनने देकर भूल की थी. अब वह भूल नहीं दोहरानी होगी. यह पूछे जाने पर क्या वह विधानसभा चुनाव में अपनी भूमिका निभायेंगे, उन्होंने कहा कि अब शरीर इसकी अनुमति नहीं देता है.