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रेल महाप्रबंधक से यात्रियों को हैं उम्मीदें

निरीक्षण. गोरखपुर-छपरा रेलखंड के स्टेशनों का आज दौरा करेंगे जीएम सीवान : महाप्रबंधक के निरीक्षण कार्यक्रम को लेकर करीब एक महीने से स्थानीय रेल अधिकारी स्टेशन को चकाचक करने में जुटे हैं. देर शाम तक अधूरे कार्यों को अंतिम रूप देने में कर्मचारी लगे रहे. सीवान जंकशन के प्लेटफाॅर्म सहित पूरे रेलवे चरिसा में सफाई, […]

निरीक्षण. गोरखपुर-छपरा रेलखंड के स्टेशनों का आज दौरा करेंगे जीएम
सीवान : महाप्रबंधक के निरीक्षण कार्यक्रम को लेकर करीब एक महीने से स्थानीय रेल अधिकारी स्टेशन को चकाचक करने में जुटे हैं. देर शाम तक अधूरे कार्यों को अंतिम रूप देने में कर्मचारी लगे रहे.
सीवान जंकशन के प्लेटफाॅर्म सहित पूरे रेलवे चरिसा में सफाई, रंग-रोगन का काम, यात्रियों को तरह-तरह की सूचना देने वाले बोर्ड, कंम्प्यूटराइज्ड ट्रेनों की स्थिति बताने वाला डिस प्ले बोर्ड तथा यूटीएस व पीआरएस काउंटर के समीप स्टील की बैरिकेडिंग लगने से स्टेशन जरूर चकाचक दिख रहा है.
महिला यात्रियों के लिए नहीं है यूरिनल व शौचालय : सीवान जंकशन पर द्वितीय श्रेणी में सफर करनेवाली महिला यात्रियों के लिए यूरिनल व शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. इससे सफर करने के इंतजार में प्रतीक्षा करने वाली महिला यात्रियों को काफी परेशानी होती है.प्लेटफाॅर्म संख्या एक पर कैरेज विभाग के बगल में महिलाओं के लिए यूरिनल तो बनाया गया है, लेकिन ऊपर से कवर्ड नहीं होने के कारण महिलाएं इसका उपयोग नहीं करती हैं.
इसके ठीक ऊपर ओवर ब्रिज है. ब्रिज पर यात्रियों का हमेशा आना-जाना लगा रहता है. सरकुलेटिंग एरिया वाले यूरिनल की भी यही स्थिति है.प्लेटफाॅर्म संख्या दो और तीन के पूर्वी छोर पर महिलाओं के लिए यूरिनल कवर्ड है, लेकिन इसमें प्रकाश व सफाई नहीं होने से महिलाएं इसका उपयोग नहीं करती हैं. रही बात पे एंड यूज शौचालय की, तो वह करीब पांच वर्षों से अधिक समय से जर्जर हालत में था, जिसकी जीएम के दौरे को लेकर मरम्मत करायी गयी है.
करोड़ों राजस्व देने वाला मालगोदाम है उपेक्षित : सीवान जंकशन के रेल गोदाम से प्रति महीने करोड़ों रुपये राजस्व मिलने के बाद भी मालगोदाम पूर्ण रूप से उपेक्षित है. सबसे पहले तो माल गोदाम की चहारदीवारी नहीं होने से माल उतारने के दौरान व्यापारियों का माल असुरक्षित रहता है. करीब डेढ़ दशक पहले यह नया माल गोदाम बना है. उसके बाद न तो रैक प्वाइंट की लाइनों और न रैक प्वाइंट की ओर जाने वाली संपर्क सड़क का रख-रखाव हुआ है.
अभी महाप्रबंधक के आने को लेकर संपर्क सड़क पर मिट्टी गिरा कर यह दिखाने का प्रयास हो रहा है कि काम चल रहा है. इस सड़क को तारकोल नसीब होगा कि नहीं कोई नहीं जानता. व्यापारियों को माल उतारने के लिए रैक प्वाइंट के बगल में न तो कोई प्लेटफाॅर्म है और न माल को बारिश में भीगने से बचाने के लिए कोई साधन. बरसात के दिनों में तो रैक प्वाइट के बगल में झील जैसा दृश्य हो जाता है.मजदूरों के लिए न तो विश्रामालय है और न व्यापारियों को आराम करने की कोई जगह.
सुविधाओं में कमी एक नजर में
1.यात्रियों की संख्या के अनुसार शौचालय नहीं.
2. प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों की सुविधा के लिए खुला भोजनालय वर्षों से है बंद.
3.यार्ड नहीं होने से रात में एक नंबर प्लेटफाॅर्म बन जाता है यार्ड.
3.यात्रियों की सुविधा के लिए लगे कोच डिस प्ले बोर्ड.
4.यूटीएस व पीआरएस काउंटर पर महिलाओं के लिए अलग काउंटर हो.
5.यात्रियों की संख्या के मुताबिक पीआरएस काउंटरों की संख्या है कम.
6.सीवान कचहरी स्टेशन पर नहीं मिलती ट्रेनों की स्थिति की जानकारी.
7.सरकुलेटिंग एरिया में अतिक्रमण से होती है यात्रियों को परेशानी.
8.मैरवा स्टेशन पर पेयजल की है समस्या.

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