बिहार शरीफ : कथित बलात्कार के एक मामले में यहां एक अदालत नेसोमवारको राजद के फरार विधायक राजबल्लभ यादव को आत्मसमर्पण के लिए 30 दिन की मोहलत दी और पुलिस को निर्देश दिया कि विधायक के समय पर समर्पण नहीं करने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क कर लिया जाए.
राजद विधायक के खिलाफ सीआरपीसी की धाराओं 82 (फरार लोगों के पेश होने के लिए नोटिस प्रकाशित करने से संबंधित प्रावधान) और 83 (फरार व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की) के तहत नालंदा पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रश्मि शिखा ने संपत्ति कुर्क करने का नोटिस चस्पा करने की अनुमति दे दी. लेकिन यादव को समर्पण के लिए 30 दिन का वक्त दिया और ऐसा नहीं होने पर संपत्ति को कुर्क कर लिया जाएगा.
एक नाबालिग लड़की से कथित बलात्कार के मामले में यादव करीब दो सप्ताह से फरार हैं. इसी अदालत ने गत शनिवार को मामले में विधायक की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. यादव नवादा से विधायक हैं और राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
फरार विधायक की ओर से दलील रखते हुए उनके वकील ने संपत्ति कुर्क करने की पुलिस की अर्जी पर रोक लगाने के लिए पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटानेे के लिए समय मांगा. विधायक पर गत नौ फरवरी को बिहार शरीफ में अपने आवास पर दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार का आरोप है. आरोप है कि लड़की की पड़ोसी एक महिला ने उसे एक जन्मदिन पार्टी के बहाने यादव के घर बुलाया था और 30,000 रुपये लेकर उसे विधायक के सुपुर्द कर दिया.
घटना से राज्य की राजद-जदयू गठबंधन सरकार की छवि खराब होने के बीच लालू प्रसाद की पार्टी से विधायक को निलंबित कर दिया गया है. इस बीच उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फरार विधायक से कानून के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा है.