इनकी न तो कोई नीति है और न ही कोई नीयत. ये क्षुद्र राजनीति में लिप्त हैं. वे अपने गिरेबान में झांके, फिर दूसरे पर कीचड़ उछालें. कहा कि मासस लंबे संघर्ष, आदर्श और चरित्र के बल पर विकसित पार्टी है.
बैठक में सुभाष चटर्जी, राणा, धीरेन मुखर्जी, सुभाष सिंह, राजेश बिरूआ, सुमित दे, रामप्रवेश यादव, भूषण महतो, पवन महतो, विश्वजीत राय, भोला चौहान, हरेंद्र निषाद, मंटु महतो आदि शामिल थे.