कई ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं. उत्तर पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि आंदोलन के कारण लंबी दूरी की कई ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया. संगठन के हजारों समर्थक कूचबिहार स्टेशन सहित अन्य कई स्टेशनों के पास रेल पटरियों पर बैठ गये हैं. कूचबिहार में ग्रेटर अध्यक्ष बंशी बदन बर्मन स्वयं इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं.
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रेल पटरियों पर बैठे ग्रेटर कूचबिहार राज्य की मांग करने वाले
कूचबिहार: कूचबिहार और इसके आसपास के कुछ जिलों को मिलाकर ग्रेटर कूचबिहार राज्य बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है़ इस मांग को लेकर ‘ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन’(जीसीपीए) का बेमियादी ‘रेल रोको’ आंदोलन शनिवार सुबह शुरू हो गया. इसके कारण ट्रेनों की आवाजाही ठप सी हो गयी है. कई ट्रेनें रद्द […]
कूचबिहार: कूचबिहार और इसके आसपास के कुछ जिलों को मिलाकर ग्रेटर कूचबिहार राज्य बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है़ इस मांग को लेकर ‘ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन’(जीसीपीए) का बेमियादी ‘रेल रोको’ आंदोलन शनिवार सुबह शुरू हो गया. इसके कारण ट्रेनों की आवाजाही ठप सी हो गयी है.
आंदोलन से रेल सेवा पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गयी है़ गुवाहाटी की ओर आने-जाने वाली सभी ट्रेनों पर इस इसका असर पड़ा है़ राजधानी एक्सप्रेस सहित करीब 21 ट्रेनें रद्द कर दी गयी है़ं इसके अलावा नयी दिल्ली से गुवाहाटी की ओर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रुकी हुई है़ रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ब्रह्मपुत्र मेल के अलावा कई अन्य दूरगामी ट्रेनों को विभिन्न स्थानों पर रोक दिया गया है़ रेलवे सूत्रों ने बताया कि पुणे कामाख्या तथा अन्य ट्रेनों को डुवार्स होकर चलाया जा रहा है़ ग्रेटरों (प्रदर्शनकारी) के इस रेल रोको आंदोलन की वजह से करीब बीस ट्रेनें पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर रुकी हुई है़ं खबर लिखे जाने तक रेलयात्री विभिन्न स्टेशनों में अटके हुए हैं. स्टेशनों पर खाने-पीने की चीजों की किल्लत हो गयी है़ इसका फायदा उठाते हुए दुकानदार यात्रियों से मोटी रकम वसूल रहे हैं. इसको लेकर रेलयात्रियों में काफी रोष है़ न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर फंसे एक रेलयात्री ने बताया कि एक अंडे के आमलेट की कीमत बीस रुपये है़ एक लीटर बोतलबंद पानी तीस रुपये में बेचा जा रहा है. कोई देखने वाला नहीं है़ वह परिवार सहित सुबह से ही फंसे हुए हैं. इसी बीच, ग्रेटर नेता वंशी बदन बर्मन ने इस मामले में स्थानीय प्रशासन के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया है़ उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मौके पर आने की मांग की है़ उन्होंने कहा है कि जबतक केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक रेल रोको आंदोलन जारी रहेगा़
क्या है मांग
जीसीपीए नेता बीबी बर्मन ने बताया कि तत्कालीन कूचबिहार महाराजा और भारत सरकार के बीच समझौते के तहत कूचबिहार को भारत में शामिल किया गया था. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ बी सी रॉय ने इसे राज्य में एक जिले के तौर पर शामिल किया. जीसीपीए नेता ने कहा कि जब तक कूचबिहार को ‘सी’ श्रेणी का राज्य या केंद्र शासित दर्जा देने की उनकी मांग को मंजूर नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. अलग ग्रेटर कूचबिहार राज्य में असम के कुछ जिलों को भी शामिल करने की मांग की जा रही है.
कहां रुकी हैं ट्रेनें
‘पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस’ असम के सलेकती में, हावड़ा-डिब्रूगढ़ कामरूप एक्सप्रेस धूपगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में, ‘नयी दिल्ली-डिब्रूगढ़ मेल’, ‘उत्तर प्रदेश राजधानी एक्सप्रेस’ और ‘उत्तर-पूर्व एक्सप्रेस’ न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर फंसी हुई हैं. ‘डाउन राजधानी एक्सप्रेस’ (कानपुर होते हुए) बोंगाईगांव में, ‘डाउन कामरुप एक्सप्रेस’ असम के बारपेटा रोड स्टेशन में फंसी हुई हैं.
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