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ना चाहकर भी खुले में शौच को मजबूर महिलाएं
चितरा: सीएसआर के तहत कोलियरी प्रबंधन द्वारा खर्च होने वाले करोड़ों रुपये के दावे व निर्मल भारत अभियान के तहत होने वाले शौचालय निर्माण कार्यक्रम उस वक्त काफूर नजर आते हैं जब आज भी चितरा कोलियरी स्थित भवानीपुर गांव की महिलाओं को शौचालय के अभाव मेें शाम ढलने का इंतजार करना पड़ता है. सुबह सुर्योदय […]
चितरा: सीएसआर के तहत कोलियरी प्रबंधन द्वारा खर्च होने वाले करोड़ों रुपये के दावे व निर्मल भारत अभियान के तहत होने वाले शौचालय निर्माण कार्यक्रम उस वक्त काफूर नजर आते हैं जब आज भी चितरा कोलियरी स्थित भवानीपुर गांव की महिलाओं को शौचालय के अभाव मेें शाम ढलने का इंतजार करना पड़ता है. सुबह सुर्योदय से पहले व शाम ढलने के बाद ही महिलाएं शौच जा पाती है. मालूम हो कि भवानीपुर गांव के पूरब दिशा में चितरा कोलियरी का खदान है.
उत्तर दिशा में गांधी चौक है, पश्चिम दिशा में हाटतल्ला बाजार है और दक्षिण दिशा मेें चितरा कोलियरी बी है. खुले में शौच के लिए भी जगह नहीं है. इसके बावजूद न तो कोलियरी प्रबंधन इस पर गंभीर है और न ही विभाग. थाना क्षेत्र के दमगढ़ा, पलमा, हरिराखा कुशमाहा, आमडंगाल आदि दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां आज भी शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है. शौचालय नहीं रहने के कारण सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है. इस संबंध मेें भवानीपुर गांव के निमाय राय, ललिता देवी, नमिता देवी, राजकुमार रजक, प्यारी देवी, दामो राय, सपना देवी आदि ने बातचीत करते हुए कहा कि शौचालय निर्माण नहीं होे पाने से काफी परेशानियोें का सामना करना पड़ रहा है. अगर जल्द शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया तो आंदोलन किया जायेगा. निर्मल भारत अभियान के तहत होने वाले शौचालय निर्माण का भी लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
कहती है मुखिया
पूर्व में भी पीएचडी को कागजात बनाकर दिया गया था, लेकिन पदाधिकारियों ने कोई पहल नहीं की. वर्तमान समय में योजना बनाओ अभियान चल रहा है. इसके तहत शौचालय बनवाया जायेगा.
श्याम बाउरी, मुखिया
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