इन दलों में एसयूसीआइ और भाकपा (माले) का नाम प्रमुख है. ऐसे भी वामपंथी दल हैं जो कांग्रेस से संभावित गंठबंधन का पक्ष ले रहे हैं. उनकी ओर से कहा है कि राज्य में लोकतंत्र की रक्षा के लिए तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में उखाड़ फेंकना जरूरी है. ऐसे में तमाम धर्मनिरपेक्ष दलों का एकजुट होना काफी अहम बताया गया है. माकपा केंद्रीय कमेटी ने विगत गुरुवार को ही साफ कर दिया है कि बंगाल में फ्रंट तैयार का फैसला माकपा केंद्रीय कमेटी नहीं, वरन बंगाल की राज्य इकाई लेगी.
ध्यान रहे कि इस महीने होने वाले वाममोरचा राज्य कमेटी और माकपा राज्य कमेटी की बैठक में कांग्रेस से संभावित गंठबंधन को लेकर चर्चा किये जाने पर पहले ही सहमति जतायी जा चुकी है. इधर प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए वामपंथी दलों से गंठबंधन किये जाने का पक्ष लिया है. शुक्रवार को ही करीब 13 वामपंथी दलों की अहम बैठक हुई थी.