नयी दिल्ली: स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत के बाद हुए पहले सर्वे के नतीजे बिहार, झारखंड व प बंगाल के लिए निराशाजनक रहे. मैसूर को सबसे स्वच्छ शहर माना गया है, जबकि धनबाद सबसे गंदा शहर है. रांची, जमशेदपुर, पटना व आसनसोल भी 12 सबसे गंदे शहरों में शुमार किये गये हैं.
मैसूर के बाद चंडीगढ़ का स्थान आता है, जबकि बिहार की राजधानी पटना, झारखंड का रांची व धनबाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी देश के 12 गंदे शहरों में है. ‘स्वच्छ भारत’ मिशन के 2016 के सर्वेक्षण में यह उजागर हुआ है. 73 शहरों के सर्वेक्षण के नतीजे को शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने सोमवार को यहां जारी किया. इनमें से 51 शहर 10 लाख से अधिक आबादीवाले हैं.
यह सर्वेक्षण क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इंडिया ने किया है. जहां मैसूर को सूची में शीर्ष स्थान दिया गया है, वहीं चंडीगढ़ को दूसरा, तिरचिरापल्ली को तीसरा और राष्ट्रीय राजधानी के एनडीएमसी क्षेत्र को चौथा स्थान मिला है. झारखंड में धनबाद सबसे निचले पायदान पर है. महलों के शहर को पिछले साल 476 शहरों की सूची में पहले स्थान पर पाया गया था.
नायडू ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2016 का प्राथमिक लक्ष्य 2014 के सर्वेक्षण के बाद स्वच्छ भारत मिशन के तहत िकये गये प्रयासों के प्रभाव का आकलन करना है. उन्होंने कहा, ‘सर्वेक्षण के नतीजों का विश्लेषण शीर्ष नेताओं, आकांक्षी नेताओं, उन शहरों की पहचान करने के लिए किया गया जहां प्रयास तेज किए जाने की आवश्यकता है.’ पिछला स्वच्छता सर्वेक्षण 2014 में 476 शहरों के बीच किया गया था. इसमें एक लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया था. वह सर्वेक्षण स्वच्छ भारत मिशन शुरू किये जाने से पहले किया गया था.
सर्वे के आधार : 1. ठोस कचरा प्रबंधन, 2. घर-घर से कूड़ा उठाव, 3. सड़क पर झाडू लगाना, 4. कचरे का िनष्पादन, 5. िनजी व सामुदायिक शौचालय, 6. सफाई को लेकर लोगों की आदतों में सुधार, 7. सफाई को लेकर िशक्षा
‘‘दक्षिण भारत और पश्चिम भारत के शहरों का अच्छा प्रदर्शन जारी है लेकिन देश के अन्य हिस्सों और खासतौर पर उत्तर भारत के शहरों ने पारंपरिक तौर पर अग्रणी शहरों की बराबरी करने की दिशा में बढ़ना शुरु कर दिया है.’’
वेंकैया नायडू, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री