छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान के लिए लगातार विभाग का चक्कर लगाया, लेकिन उसकी फरियाद नहीं सुनी गयी. अंतत: न्याय के लिए मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम में गुहार लगायी. जनसंवाद कार्यक्रम में मामले को गंभीरता से लिया गया तथा जिला शिक्षा अधीक्षक को अविलंब पूर्ण कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. जनसंवाद कार्यक्रम में मिले निर्देश के बाद विभागीय पदाधिकारी की तंद्रा भंग हुई है.
पीड़ित छात्र की शिकायत के बाद यह तो साफ हो गया है कि आज भी छात्रवृत्ति की राशि के लिए छात्रों को किस कदर मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है.