खेतों का पटवन और पेयजल की समस्या ने ले लिया है विकराल रूप
सरकार व विभाग सुस्त, किसान आंदोलन की कर रहे तैयारी
हिलसा : भू जल कि समस्या से परेशान किसानों ने कलियाचक पैक्स कार्यालय परिसर में पैक्स अध्यक्ष साधु शरण सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक किया गया. किसानों की मांगों को सरकार व संबंधित विभाग द्वारा अनदेखी किये जाने से खेती व पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण कर लिया है. किसानों ने आंदोलन को और तेज करने करने पर बल दिया.
इस आशय की जानकारी देते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि हिलसा का पूर्वी क्षेत्र फल्गु से निकली मोहानी नोनाई नदी का मुंह बंद करने के कारण सुखाड़ के चपेट में रह रहा है. इस क्षेत्र के आहर, पइन व तालाब का अस्तित्व समाप्त हो गया है. जिसके कारण अरपा पंचायत और अकबरपुर पंचायत का भू जल लगभग सौ फीट नीचे चला गया है. दोनों पंचायत के घरों एवं खेतों में दर्जनों कुआ पूर्वजों के समय से बना है. जिसकी गहराई चालीस फीट तक है. लेकिन एक भी कुआ में पानी नहीं है.
पूर्व में जो भी सरकारी या निजी चापाकल गाड़ा गया है, सब बेकार हो गया है. खेतों में पानी जुटाने एवं पीने का पानी जुआने में अब इस क्षेत्र के लोग अस्मर्थ हो गये है. नतीजा आंदोलन करने की सिवा कोई उपाय इनके पास नहीं है. नदी का मुंह खोलवाने के लिए किसानों ने उपवास भी किया. लेकिन सरकार व विभाग अभी तक कान में रुई देकर सो रही है. भट बिगहा के वासो बिंद ने बताया कि बीस से तीस फीट कुआ के अंदर पंप सेट रख कर एक दूसरे पंप सेट ऊपर रखते है,
तब जाकर खेतों में पानी पहुंचता है. लालटु कुमार ने बताया कि समरसेबुल से भी खेतों का पटवन एवं पेयजल का उपाय किया जा सकता है. लेकिन सभी किसानों को संभव नहीं है. केशो बिगहा के अनिता देवी ने बताया कि पानी के किल्लत का मार सबसे ज्यादा महिलाओं का भुगतना पड़ रहा है. सुबह से लेकर शाम तक पानी की जरूरत होती है.
रामशीष बिंद, सतेन्द्र गराई, गोरू जमादार, भगवान दास, राम बाबू बिंद, रामशिष यादव, रामानंद यादव समेत अन्य किसानों ने भू जल कि समस्या पर चिंता जताते हुए सरकार से समस्या के निजात दिलाने की मांग किया है. किसानों ने कहा अभी यह हाल है, तो गरमी में क्या होगा.