इंदौर : दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में एक आयोजन के दौरान कथित भारतविरोधी नारेबाजी पर गुस्से का इजहार करते हुए मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश की एकता को खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है. शहर में एक नाट्य प्रस्तुति के लिये आये खेर ने कल रात यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत की राजधानी के बड़े विश्वविद्यालय जेएनयू में कुछ लोग जमा होकर देश की बर्बादी के नारे आखिर कैसे लगा सकते हैं. यह अभिव्यक्ति की आखिर कौन सी स्वतंत्रता है, जिससे देश की एकता को खतरा हो.
60 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि आप किसी सरकार से नाखुश होकर उसके खिलाफ नारेबाजी कर सकते हैं. लेकिन देश की एकता को खंडित करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है. देश की बर्बादी के नारे लगाये जाने के मामले में माफी का सवाल ही नहीं उठता. खेर ने जेएनयू की घटना को लेकर जारी सियासत पर भी नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि वह जिलाधिकारी से जेएनयू की घटना की जांच करायेंगे. क्या केजरीवाल ने इस घटना से संबंधित वीडियो नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि देश सागर मंथन की प्रक्रिया से गुजर रहा है और लोगों के चेहरों से नकाब उतर रहे हैं. मुझे लगता है कि इस मंथन से विष के बाद अमृत भी निकलेगा.