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बोरे में दवाखाना बरामदे पर इलाज

भागलपुर: गोलाघाट स्थित छावनी कोठी में खुले नये पीएचसी का हाल जानकर लोगों को आश्चर्य होगा कि हवेलीनुमा भवन के बावजूद यहां पर रोगियों का इलाज बरामदे पर करना पड़ रहा है और दवा रखने के लिए बोरी का इस्तेमाल. विडंबना है कि छावनी कोठी की छह बीघा क्षेत्रफल में मेडिकल कॉलेज अस्पताल की जमीन […]

भागलपुर: गोलाघाट स्थित छावनी कोठी में खुले नये पीएचसी का हाल जानकर लोगों को आश्चर्य होगा कि हवेलीनुमा भवन के बावजूद यहां पर रोगियों का इलाज बरामदे पर करना पड़ रहा है और दवा रखने के लिए बोरी का इस्तेमाल. विडंबना है कि छावनी कोठी की छह बीघा क्षेत्रफल में मेडिकल कॉलेज अस्पताल की जमीन फैली हुई है. चिकित्साकर्मियों की मानें तो भवन व जमीन पर अतिक्रमण है. इसी कारण यहां पर अव्यवस्था ही अव्यवस्था है.
रोजाना आ रहे 50 से अधिक मरीज : पीएचसी में कार्यरत चिकित्साकर्मी बताते हैं कि दो फरवरी को इस नये पीएचसी का शुभारंभ हुआ है. अभी कई लोगों को इस पीएचसी की जानकारी भी नहीं है. इसके बावजूद रोजाना 50 से अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंचने लगे हैं. कार्यरत एएनएम नीलू मंजूकर बताती हैं कि छावनी कोठी मेडिकल की जमीन पर स्थापित एक एएनएम ट्रेनिंग सेंटर हुआ करता था, जो 1989 के बाद बंद हो गया. इसके बाद यहां पर लोगों का अतिक्रमण हो गया. यहां पर दो एएनएम, दो चिकित्सक डॉ एसएस राय एवं डॉ आजमी सुलेमान कार्यरत हैं.
रोजाना दवा को पहुंचाना पड़ता है सदर अस्पताल : दूसरी एएनएम कुमारी किरण सिन्हा बताती हैं कि यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. किसी तरह से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी निरंजन झा ने बताया कि यहां पर भवन नहीं मिलने के कारण रोजाना बोरी में दवा को सदर अस्पताल से लाना पड़ता और रोजाना पहुंचाना पड़ता है. भवन के अभाव में दवा को रखने की समुचित व्यवस्था नहीं है. अतिक्रमण के कारण भवन में बैठने की भी जगह नहीं है. बरामदे पर टूटी-फूटी चौकी पर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है. पुराने भवन को ही दुरुस्त कराया जाये, तो पीएचसी के लिए बेहतर है.
शहरी पीएचसी खोलने के लिए इस स्थान को चुना गया. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए उपयुक्त स्थान है. मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. रोजाना सुबह आठ से 12 बजे तक स्वास्थ्य जांच करने के बाद दवा का वितरण किया जाता है. सप्ताह भर के अंदर कम से कम एक रुम को व्यवस्थित किया जायेगा. यहां पर अभी लोगों से ही कुरसी-टेबुल लेकर काम चल रहा है. दवा रखने की जगह नहीं है.
डॉ आजमी सुलेमान, पदस्थापित चिकित्सक
छावनी कोठी में पीएचसी खोलने की योजना है. पीएचसी खुलने से आसपास के मरीजों को सुविधा होगी. छावनी कोठी से पिछले वर्ष कई अतिक्रमणकारियों को हटाया गया था. वहां पर बने सरकारी भवन में अनधिकृत रूप से रह रहे लोगों को शीघ्र ही हटा दिया जायेगा. इसके बाद पीएचसी को सुविधा होगी. 15 फरवरी को मेडिकल की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इसके बाद छावनी कोठी व अन्य स्थानों को अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा.
डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक,जेएलएनएमसीएच

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