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कैबिनेट ने उद्योग व प्रोत्साहन नीति 2016 को दी मंजूरी, उद्योगों को मिलेगी कई तरह की छूट

रांची : झारखंड सरकार की कैबिनेट ने गुरुवार को उद्योग व प्रोत्साहन नीति 2016 को मंजूरी दे दी. बताया जा रहा है कि मेक इन इंडिया वीक के लिए सरकार ने 13 फरवरी के पहले ही नयी नीति की घोषणा कर दी, ताकि वहां उद्यमियों के समक्ष नयी नीति को रखा जा सके. नयी नीति […]

रांची : झारखंड सरकार की कैबिनेट ने गुरुवार को उद्योग व प्रोत्साहन नीति 2016 को मंजूरी दे दी. बताया जा रहा है कि मेक इन इंडिया वीक के लिए सरकार ने 13 फरवरी के पहले ही नयी नीति की घोषणा कर दी, ताकि वहां उद्यमियों के समक्ष नयी नीति को रखा जा सके. नयी नीति में कई तरह की छूट के प्रावधान हैं. नीति में आइटी, स्कील डेवपमेंट, फूड पार्क व एमएमएमइ पर जोर दिया गया है.
मेगा उद्योगों के लिए क्या है छूट : मेगा उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार विधि सम्मत कार्रवाई करेगी. भूमि की खरीदारी में स्टांप ड्यूटी व निबंधन शुल्क की छूट दी गयी है. बैंक गारंटी भी तीन साल बाद वापस करने की बात कही गयी है. नये उद्योगों को 10 वर्षों तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट दी गयी है. नीति में कैटेगरी ए के क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों को वैट में पांच वर्षों तक 80 फीसदी तक छूट देने का प्रावधान है. वहीं कैटेगरी बी के क्षेत्र में सात वर्षों तक 80 फीसदी व कैटेगरी सी क्षेत्र में 10 वर्षों तक शत प्रतिशत छूट का प्रावधान रखा गया है. अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के लिए भी इसी तरह की छूट दी गयी है.
आइटी उद्योगों पर जोर : नीति में मेगा आइटी उद्योगों को पांच वर्षों तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट दी गयी है. स्टांप ड्यूटी में शतप्रतिशत छूट दी गयी है. पांच करोड़ से 50 करोड़ रुपये तक निवेश करने वाले व सौ लोगों को रोजगार देनेवाले आइटी उद्योगों को भी 20% तक सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. स्थानीय लोगों को नियुक्त करनेवाली अाइटी कंपनियों को 2.50 लाख प्रति 50 व्यक्ति पर अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.
फूड पार्क को भी छूट : फूट पार्क लगाने पर स्टांप ड्यूटी वापस करने का प्रावधान है. वहीं 10 वर्षों तक कृषि बिजली दर के समानांतर बिजली टैरिफ किये जाने का प्रावधान है. झारखंड सरकार द्वारा 15 फीसदी अतिरिक्त अनुदान दिया जायेगा.
एमएसएमइ को 20 फीसदी तक छूट
नयी नीति में एमएसएमइ(लघु व मध्यम उद्योग) को भी कुल निवेश पर 20% सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. एमएसएमइ के लिए सब्सिडी की अधिकतम राशि दो करोड़ रुपये व गैर एमएसएमइ के लिए अधिकतम राशि 20 करोड़ रुपये देने का प्रावधान है. वहीं एससी, एसटी, महिला, विकलांग उद्यमियों को पांच प्रतिशत अतिरिक्त लाभ देने का प्रावधान किया गया है. एमसएमइ को भी भूमि खरीदने पर स्टांप ड्यूटी व निबंधन शुल्क में छूट दी गयी है. क्वालिटी सर्टिफिकेशन के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तक की सहायता देने का प्रावधान किया गया है. पेटेंट कराने पर भी अधिकतम 10 लाख तक की सहायता देने का प्रावधान है. एमएसएमइ को भी वैट में पांच वर्षों से लेकर 12 वर्षों तक 75 से 80 % तक छूट देने का प्रावधान है. कलस्टर डेवलपमेंट में भी 15% तक सब्सिडी देने का प्रावधान है. वस्त्र उद्योगों को 50 लाख रुपये तक सब्सिडी देने का प्रावधान है. कैप्टिव पावर प्लांट को पांच वर्षों तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट दी गयी है.

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