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सामंती निषेध!
असल में तो स्त्री-पुरुष जीवन की गाड़ी के दो प्रमुख समान पहिये हैं और वेद शास्त्रों में भी साफ है कि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं. लेकिन महाराष्ट्र के शनि मंदिर और मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर निषेध से प्रबुद्ध जनता बेहद हैरान और […]
असल में तो स्त्री-पुरुष जीवन की गाड़ी के दो प्रमुख समान पहिये हैं और वेद शास्त्रों में भी साफ है कि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं. लेकिन महाराष्ट्र के शनि मंदिर और मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर निषेध से प्रबुद्ध जनता बेहद हैरान और शर्मिंदा हैं.
ऐसे सामंती निषेध मानवता पर घोर अन्याय और कलंक हैं, जो धर्मिक कट्टरवाद, रूढ़िवाद और अज्ञान के कारण ही हैं. इसके अलावा जाति, धर्म, रंग-रूप, लिंग, भाषा और क्षेत्र आदि पर भी दुर्भाग्य से देश और दुनिया में आज राजनीति जारी है. इससे पूर्ण सुख-शांति संभव ही नहीं है़
इस युग में भले ही मानव अंतरिक्ष में चांद और सितारों को बेशक छू चुका हो, मगर दुर्भाग्य से वह मानवता से आज बहुत दूर और नीचे ही है, जो कि आश्चर्य की बात है़ इसलिए आज उसे विज्ञान और तकनीक की जगह सही साहित्य और वेद जैसे वैज्ञानिक धर्म ग्रंथों के जरिये सभ्य और सुसंस्कृत होकर मानव बनने की अधिक जरूरत है़
-वेद मामूरपुर, दिल्ली
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