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आस्था में दिखावा क्यों?
भारत धर्म समुदाय की सर्वाधिक विविधताएं पायी जाती हैं, फिर भी युगों से लोग आपस मे प्रेम भाव से रहते आ़ये हैं. हिंदु, मुसलिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्म के लोग देश के हर छोर पर कोई न कोई पर्व मनाते ही हैं! यही कारण है कि हमारा देश एक धार्मिक देश कहलाता है! आस्था […]
भारत धर्म समुदाय की सर्वाधिक विविधताएं पायी जाती हैं, फिर भी युगों से लोग आपस मे प्रेम भाव से रहते आ़ये हैं. हिंदु, मुसलिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्म के लोग देश के हर छोर पर कोई न कोई पर्व मनाते ही हैं! यही कारण है कि हमारा देश एक धार्मिक देश कहलाता है! आस्था यहां के लोगों के रगो में रची-बसी है. मगर इन दिनों यह दिखावे का प्रतीक बनता जा रहा है.
कुछ दिनो बाद विद्यार्थियों का पर्व यानी विद्या की देवी की पूजा होनी है और इसके नाम पर मनमाने चंदे वसूले जा रहे हैं. क्या यह गलत नहीं? इनके सफल आयोजन के नाम पर आम लोगों की जेब बेवजह ढीली हो रही है. इन अवसरों पर प्रशासन पर भी अतिरिक्त जिम्मेवारी आ जाती है. पहले भी लोग पर्व मनाते थे, लेकिन दिखावा इतना ज्यादा नहीं था.
-हरिश्चन्द्र महतो, बेलपोस
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