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ई सर्विस अच्छी, पर असुविधा बन रही बाधा
कोडरमा बाजार : राज्य सरकार ने पहले प्रज्ञा केंद्र बना कर लोगों को सुविधा देने का काम किया, इसके बाद 16 जून 2015 को प्रज्ञा केंद्र को ई सर्विस योजना से जोड़ कर लोगों की परेशानी कम करने का प्रयास किया. लेकिन जिले के कुछ पंचायतों में काम की ई सर्विस में असुविधा बाधा बन […]
कोडरमा बाजार : राज्य सरकार ने पहले प्रज्ञा केंद्र बना कर लोगों को सुविधा देने का काम किया, इसके बाद 16 जून 2015 को प्रज्ञा केंद्र को ई सर्विस योजना से जोड़ कर लोगों की परेशानी कम करने का प्रयास किया.
लेकिन जिले के कुछ पंचायतों में काम की ई सर्विस में असुविधा बाधा बन रही है़ हालांकि अधिकतर पंचायतों में ई सर्विस का लाभ ग्रामीण ले रहे हैं. जिले के 109 पंचायतों में मात्र 88 में ही अभी प्रज्ञा केंद्र संचालित हो रहे हैं. इनमें से अधिकतर में कभी इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या आती है, तो कई जगहों पर सही से बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को काम ऑनलाइन नहीं हो पाता. ऐसे में राइट टू सर्विस एक्ट के पालन में भी परेशानी होती है. वर्तमान में 88 प्रज्ञा केंद्र में से 12 प्रज्ञा केंद्र ऐसे हैं, जहां कई सेवाओं के अलावा स्थायी रूप से आधार पंजीकरण का भी काम हो रहा है. इसके अलावा चार केंद्र में एसबीआइ का बीसी यानि बिजनेस क्रॉसपोंडेंट काम कर रहा है.
12 केंद्र में बीओआइ का बिजनेस क्रॉसपोंडेंट की सुविधा है. प्रशासन केंद्रों के माध्यम से सुविधा देने की बात तो करता है, पर सच्चाई यह है कि लोगों को कुछ प्रमाण पत्रों के अलावा अन्य काम आॅनलाइन नहीं होने के कारण नहीं हो पाता. आंकड़ों के अनुसार जब से ई सर्विस योजना लागू हुई है. उस समय से अब तक कुल 26,969 प्रमाण पत्र निर्गत किये गये हैं, जबकि 5,377 पेंडिंग हैं. इनमें अधिकतर सिविल कार्यालय से जुड़े आवेदन हैं.
16 जून 2015 के बाद से अब तक कुल 1097 जन्म प्रमाण पत्र जारी किये गये, जबकि 317 पेंडिंग, 6418 जाति प्रमाण पत्र निर्गत, जबकि 2136 पेंडिंग, 547 मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत, 86 पेंडिंग, 10912 आय प्रमाण पत्र निर्गत, 1168 पेंडिंग, 7995 आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत व 1670 पेंडिंग हैं. जिला प्रशासन की तैयारी है कि दो सेवा जल्द ही मिलें. इसमें मैरिज सर्टिफिकेट निर्गत करना व आॅनलाइन पेंशन का भुगतान शामिल है. प्रशासन की ओर से प्रज्ञा केंद्र को सही तरीके से संचालन के लिए दो सीएससी मैनेजर की जल्द नियुक्ति की जायेगी. फिलहाल प्रज्ञा केंद्र का संचालन पंचायतों में ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलइ) करते हैं. उनकी मॉनिटरिंग ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर की ओर से होती है. वीएलइ को स्थायी मानदेय नहीं मिलना भी केंद्रों के संचालन में आड़े आता है.
प्रज्ञा केंद्र ई सर्विस में ये काम हो सकते हैं
प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से दो तरह की सुविधा लोगों को दी जाती है. पहला जी टू सिटिजन यानि गवर्मेंट टू सिटीजन सर्विस. इसके तहत लोग अपना जाति, आवासीय, आय, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के साथ ही वोटर आइ कार्ड, पैन कार्ड, नेशनल पेंशन स्कीम के लिए आवेदन कर सकते हैं.
लोग बैंकिंग सर्विस का भी लाभ उठा सकते हैं. बी टू सिटीजन सर्विस यानी बिजनेस टू सिटिजन के तहत रेलवे का आरक्षण के लिए आॅनलाइन काम, छात्रवृत्ति के लिए आॅनलाइन आवेदन, विभिन्न बीमा का प्रीमियम भुगतान, किसानों को मंडी की जानकारी दी जाती है. केंद्र के माध्यम से राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन कार्यक्रम भी चलाया जाना है़ हालांकि जिले में अभी इसका काम नहीं हो रहा है़ इसके तहत 14 से 60 वर्ष के महिला-पुरुष को कंप्यूटर साक्षरता को लेकर प्रशिक्षण दिया जाना है.
इ सर्विस बना है कारगर
ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर राजदेव महतो की मानें, तो प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से ई सर्विस कारगर साबित हुआ है. लोगों के काम आसानी से हो रहे हैं. राइट टू सर्विस एक्ट के आने के बाद और तेजी से काम हो रहे हैं. पहले लोग प्रमाण पत्रों के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाते थे, पर उन्हें अब घर बैठे ही प्रमाण पत्र मिल जाते हैं. लोग सेवा से संतुष्ट भी हो रहे हैं. जहां तक संचालक को मानदेय की बात है तो सरकार ने केंद्र को पीपीपी मोड़ पर चलाने की योजना पर ही काम किया है.
सेवा शुल्क में करना होता है काम
चेचाई स्थित प्रज्ञा केंद्र संचालक दिनेश गुप्ता की मानें, तो उन्हें लोगों को सुविधा देने के लिए हमेशा तत्पर रहना पड़ता है. कभी इंटरनेट नहीं होने, तो कभी बिजली नहीं होने के कारण समस्या होती है़ यही नहीं सरकार उन्हें कोई मानदेय नहीं देती, सिर्फ सेवा शुल्क पर वे लोग काम करते हैं.
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