महेशपुर : प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों अवैध देशी शराब का धंधा बेरोक-टोक जारी है. इस अवैध धंधे से जुड़े लोग अवैध देशी शराब भरे बड़े ब्लाडरों को इतनी चतुराई से प्लास्टिक के बारे थैलों में भर कर मोटरसाइकिल पर लेकर भरे बाजार से गुजर जाते हैं कि किसी को भनक तक नहीं लग पाती है. अब सवाल यह उठता है कि यह अवैध देशी शराब कहां खपाई जाती है?
इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों द्वारा इस अवैध देशी शराब को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न चाय-नाश्ते की दुकानों तथा ग्रामीण इलाकों में स्थित छोटे होटलों में लाकर आपूर्ति की जाती है. जिससे रोजाना अच्छी खासी रकम इस धंधे से जुड़े लोगों को मिलती है. भले ही इस धंधे से जुड़े लोगों इससे लाभ मिलता हो पर रोजना मजदूरी कर अपने परिवार का किसी तरह भरण-पोषण करने वाले गरीब तबके के लोगों के जीवन के लिए यह अभिशाप साबित हो रहा है.
दिन भर कड़ी मेहनत के बाद हाथ आयी कमायी का आधा हिस्सा अवैध शराब की भेंट चढ़ जाता है. बाकी बचे आधी रकम से घर का गुजारा बमुश्किल से पूरा होता है. शराब के नशे में घर में रोजाना होने वाली कलह भी इस अवैध शराब के धंधे का असर है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड के नीरबांध गांव के कई लोग इस अवैध शराब के धंधे से काफी दिनों से जुड़े हुए हैं,
जो आदिवासी इलाकों से यह शराब कम कीमत पर ला कर अपना मुनाफा जोड़ कर ऊंची कीमत पर होटलों, चाय-नाश्तों की दुकानों में बेचते हैं. सूत्रों की मानें तो अवैध रूप से शराब का धंधा प्रखंड के राजापुर, सीमपुर, गढ़वाड़ी, असकंधा, सोनारपाड़ा सहित अन्य जगहों पर बेधड़क चल रहा है. थाना क्षेत्र में घटने वाली अपराधिक घटनाओं में वृद्धि, आए दिन हो रही सड़क दुर्घटना मामलों में बढ़ोतरी के पीछे भी शराब के इस धंधे के असर से इनकार नहीं किया जा सकता है.