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वीरालाल हत्याकांड में मुछुवा को उम्रकैद

धनबाद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने मंगलवार को टुंडी के वीरालाल मुर्मू हत्याकांड में कुसमाटांड़ निवासी मुछुवा मरांडी उर्फ मुछू को भादवि की धारा 302 में दोषी पाकर उम्र कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सजायाफ्ता को जेल भेज दिया गया. फैसला सुनाये जाने […]

धनबाद : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने मंगलवार को टुंडी के वीरालाल मुर्मू हत्याकांड में कुसमाटांड़ निवासी मुछुवा मरांडी उर्फ मुछू को भादवि की धारा 302 में दोषी पाकर उम्र कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सजायाफ्ता को जेल भेज दिया गया. फैसला सुनाये जाने के वक्त एपीपी अनिल कुमार झा भी मौजूद थे. अदालत ने आरोपी को पांच फरवरी 16 को दोषी करार दिया था.

16 मार्च 12 को परसाटांड़ निवासी वीरा लाल मुर्मू कुसमाटांड़ की ओर जा रहा था कि रास्ते में मुछुआ मरांडी लाठी डंडा से मार कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. वीरा के पिता रामे मुर्मू के फर्द बयान पर टुंडी थाना में कांड संख्या 26/12 दर्ज किया गया था. केस के आइओ भोला नायक ने 28 अप्रैल 12 को निचली अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था कि घटना के पूर्व मृतक वीरा लाल ने मुछुआ की पत्नी के साथ अभद्रता की थी. इससे खार खाये बैठे मुछुआ ने वीरा की हत्या कर दी थी. अदालत ने 28 जून 12 को आरोप तय किया.

दवा घोटाले में जमानत खारिज
बोकारो स्टील प्लांट में हुए लाखों के दवा घोटाले में आरोपी मेसर्स मोदी इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर प्रवीण मोदी ने मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रथम अरूण कुमार राय की अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत अर्जी दायर की. अदालत ने उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.
मोबाइल का दाम लौटायें, वाद का खर्च भी
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह, सदस्यद्वय नरेश प्रसाद सिंह व पुष्पा सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को संयुक्त रूप से आदेश पारित करते हुए विपक्षी प्रोपराइटर राज टॉलकोम, राजगढ़िया मार्केट कॉम्पलेक्स कतरासगढ़ को सख्त निर्देश दिया कि वह परिवादी को मोबाइल की राशि और वाद खर्च के रूप में सात सौ रुपये का भुगतान कर दें. विपक्षी ने परिवादी को फोरम के आदेशानुसार भुगतान कर दिया.
क्या है मामला : 21 जून 15 को सिजुआ निवासी विरेंद्र नाथ मिश्रा ने विपक्षी की दुकान से एक मोबाइल फोन 1250 रुपये में खरीदा था. 22 जून 15 को जब उसने सीम डालकर बातचीत की तो आवाज सुनायी नहीं पड़ रही थी. परिवादी ने मोबाइल फोन दुकानदार को दे दिया. दुकानदार ने एक सप्ताह बाद आने को कहा. जब वह पुन: गया तब उसने मोबाइल फोन नहीं दिया. तब परिवादी ने उपभोक्ता फोरम में सीसी केस नंबर 141/15 दर्ज किया.
सीआइएसएफ के डीआइजी ने दी गवाही
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रथम एके राय की अदालत में मंगलवार को रिश्वतखोरी मामले की सुनवाई हुई. अदालत में साक्षी सीआइएसएफ के डीआइजी ओम प्रकाश नारायण (कोलकाता) ने अपनी गवाही दी. उन्होंने अदालत को बताया कि तीन अप्रैल 14 को यह घटना घटी थी. मैंने आरोपी सहायक समादेष्टा मनवीर सिंह व इंस्पेक्टर मोची राम उरैया के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति प्रदान की थी. सीबीआइ की ओर से लोक अभियोजक लवकुश कुमार ने गवाह का परीक्षण कराया.
क्या है मामला : बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के रीजनल स्टोर से लोहे के स्क्रैप का उठाव ट्रांसपोर्टर रोशन लाल अग्रवाल द्वारा किया जा रहा था. सहायक समादेष्टा मनवीर सिंह, सीआइएसएफ इंस्पेक्टर मोची राम उरैया व बीसीसीएल कर्मी केसर सिंह यादव, सूचा सिंह व अरुण कुमार राय को सीबाआइ ने तीन अप्रैल 14 को 31 हजार रुपये रिश्वत लेते धर दबोचा था.
दुष्कर्म के प्रयास में दोषी करार, सजा 16 को : चिरकुंडा में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास और मारपीट मामले में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम अरुण कुमार राय की अदालत ने चिरकुंडा निवासी आलोक बाउरी को भादवि की धारा 354 (बी), 323, 341 व पोक्सो एक्ट की धारा 8 में दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सजा पर सुनवाई की 16 को होगी.

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