लखनऊ : केंद्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि देश में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई को 96 हजार से बढाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है. गड़करी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस वक्त देश में 96 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और 52 लाख सडकें हैं. चालीस प्रतिशत यातायात इन दो प्रतिशत राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरता है. इसकी वजह से हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं.उन्होंने कहा कि हर साल होने वाली दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोग मरते हैं और तीन लाख घायल होते हैं. इसका मुख्य कारण यातायात में बाधा होना है, इसलिये लोगों की जान बचाने और यातायात को सुगम बनाने के लिये केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई 96 हजार से बढाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है.
देश का करीब 70 से 80 प्रतिशत यातायात इन्हीं राजमार्गों से गुजरता है. गड़करी ने कहा कि यातायात के स्वरूप को लेकर एक फार्मुला पर काम किया जा रहा है और उसके मुताबिक फोरलेन, सिक्स लेन और एक्सप्रेस वे बनाये जायेंगे. मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 8483 किलोमीटर है, जिनमें से 4500 किलोमीटर हिस्सा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है और बाकी हिस्सा राज्य के लोकनिर्माण विभाग के देखरेख में है.
उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने इस 8483 किलोमीटर मार्ग को 17 हजार किलोमीटर तक बढ़ाने का फैसला किया है. इसके लिये कुछ प्रस्ताव राज्य सरकार की तरफ से और कुछ प्रस्ताव सांसदों तथा विधायकों की तरफ से आये हैं. मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दो नये राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये जायेंगे. गड़करी ने कहा कि पहला राजमार्ग पूर्वी-पश्चिमी हाईवे होगा, जिस पर 1400 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इससे दिल्ली से जुड़े यातायात का दबाव करीब 50 प्रतिशत तक कम हो जायेगा. दूसरा राजमार्ग दिल्ली से डासना के बीच बनाया जायेगा, जिसमें 14 मार्ग होंगे. यह देश में अपनी तरह का पहला राजमार्ग होगा. उन्होंने कहा कि इस राजमार्ग के बन जाने से दिल्ली से मेरठ जाने के लियेढाई से तीन घंटे के बजाय सिर्फ 40 मिनट लगेंगे.
गड़करी ने बताया कि लखनऊ में बनने वाली रिंग रोड के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट दो-तीन महीनों में तैयार कर ली जायेगी. लखनऊ-कानपुर के बीच विशेष राजमार्ग की भी योजना है. अगले तीन माह के दौरान 10 परियोजनाएं दिये जाने की संभावना है, जिन पर चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्होंने बताया कि सेतु भारतम के तहत 10 रेलवे ओवरब्रिज भी बनाये जाने हैं. गड़करी ने कहा कि शुरू में कुछ परियोजनाएं विभिन्न कारणों से ठप हो गयी थीं लेकिन अब उनकी 95 प्रतिशत बाधाएं दूर कर ली गयी हैं. उन्होंने कहा कि वायु यातायात के तहत गंगा नदी में जहाजों के नियंत्रण के लिये भी प्रणाली शुरु की गयी है. परिवहन लागत के लिहाज से जल यातायात काफी किफायती है. गंगा में जहाजों के पारगमन की व्यवस्था के लिये तीन हजार करोड रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इससे उत्तर प्रदेश के विकास में भी मदद मिलेगी.