पटना : आज हुई बिहार सरकार के कैबिनेट की बैठक में पटना में मेट्रो रेल परियोजना को हरी झंडी मिल गयी. राजधानी पटनावासियों के लिये यह बहुत बड़ी खुशखबरी है. इस परियोजना को 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. कैबिनेट की बैठक के दौरान पटना मेट्रो परियोजना पर पहले चर्चा हुई उसके बाद राइट्स द्वारा तैयार किये गये डीपीआर को हरी झंडी दे दी गयी. इस परियोजना में 16,960 करोड़ रुपये लागत का अनुमान रखा गया है. पटना में सड़कों पर बढ़ते दबाव को देखते हुये सरकार ने यह फैसला लिया है. ऑटो, बस और रिक्शों में धक्के खाकर दफ्तर जाने वाले लोगों को अब सहूलियत हो जाएगी.
हालांकि अब कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास और आवास विभाग मेट्रो परियोजना का डीपीआर केंद्र सरकार को भेजेगा. डीपीआर को भारत सरकार की एजेंसी राइट्स ने तैयार की है. केंद्र सरकार द्वारा हरी झंडी मिलते ही वैश्विक टेंडरिंग के आधार पर निर्माण कंपनी का नाम तय होगा. डीपीआर के मुताबिक पहले चरण में मेट्रो मीठापुर, बाइपास होते हुए हाईकोर्ट और जंक्शन तक लगभग 14 किलोमीटर रेल लाइन बिछेगी. उसके बाद दानापुर से आरपीएस मोड़ तक मेट्रो अंडर ग्राउंड चलेगी. उसके बाद दीघा-हाईकोर्ट लिंक रोड वाया जंक्शन मीठापुर तक और आगे शिवपुरी तक ओवर ग्राउंड के साथ फिर हाइकोर्ट तक अंडर ग्राउंड ट्रेन चलेगी.
दूसरे कॉरिडोर में जंक्शन, गांधी मैदान, डाक बंगला और राजेंद्र नगर टर्मिनल के साथ गांधी सेतु को भी रखा गया है. वहीं तीसरे कारिडोर के मुताबिक बाइपास चौक से मीठापुर से दीदारगंज तक ओवर ग्राउंड चलाने का प्लान है. चौथे कॉरिडोर के तहत एम्स, फुलवारी और अनिसाबाद तक 11 किलोमीटर लाइन बिछायी जायेगी. सरकार ने आज हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कुल 51 एजेंडों पर अपनी मुहर लगायी है.