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आठ यूनियनों ने संभाला मोर्चा
सीतारामपुर : सोदपुर एरिया अंतर्गत बैजडीह कोलियरी में शुक्रवार से केएमसी द्वारा उत्पादन बंद आंदोलन अन्य यूनियनों के संयुक्त विरोध व प्रबंधन की बंदी की धमकी के बाद सोमवार को समाप्त हो गया. पहली पाली में उत्पादन शुरू हुआ. स्थानीय निवासियों ने केएमसी कार्यालय में काफी हंगामा किया. मालूम हो कि तीन श्रमिक लाल मोहन […]
सीतारामपुर : सोदपुर एरिया अंतर्गत बैजडीह कोलियरी में शुक्रवार से केएमसी द्वारा उत्पादन बंद आंदोलन अन्य यूनियनों के संयुक्त विरोध व प्रबंधन की बंदी की धमकी के बाद सोमवार को समाप्त हो गया. पहली पाली में उत्पादन शुरू हुआ. स्थानीय निवासियों ने केएमसी कार्यालय में काफी हंगामा किया.
मालूम हो कि तीन श्रमिक लाल मोहन सिंह, अजरुन महतो व मुख्तार खान का तबादला कोलियरी मिठानी में कर दिया गया है. इसके विरोध में केएमसी के स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार की सुबह से चानक के पास झंडा लगा कर उत्पादन ठप कर दिया. प्रशासन के सहयोग से झंडा हटा कर उत्पादन शुरू किया गया.
शनिवार की सुबह केएमसी कार्यकर्ताओं ने झंडा जलाने का आरोप लगा कर हंगामा किया तथा उत्पादन ठप कर दिया. बीएमपी ग्रुप एजेंट आरआर राम ने जेसीसी बैठक बुलायी. केएमसी नेताओं ने इसका बहिष्कार किया. रविवार की सुबह प्रबंधन द्वारा सभी 71 आपातकालिन श्रमिकों को कोलियरी से हटा लिया. सी फॉर्म रजिस्टर सील कर दिया गया. कोलियरी में कार्य कर रहे 60 प्रतिशत श्रमिक आसपास के कोलियरी में तबादला करने का अस्थायी आदेश जारी कर दिया गया है.इसके बाद बैजडीह कोलियरी बंद होने की खबर से हड़कं प मच गया.
सोमवार की सुबह स्थानीय निवासियों ने वैजडीह स्थित केएमसी कार्यालय में काफी हंगामा किया. दूसरी ओर स्थानीय आठ ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन शुरू किया. उन्होंने के एमसी के आंदोलन को पूर्ण रुप से असंवैधानिक बताया तथा कोलियरी चालू करने की मांग रखी.
केएमसी के सदस्यों ने चानक से झंडा हटा लिया गया. जिससे उत्पादन पुन: साढ़े बारह बजे से शुरु किया गया. मौके पर बीएमएस के एरिया अध्यक्ष रामशंकर राम, एरिया सचिव दयाचंद्र नोनिया, हरेंद्र प्रसाद, इंटक के शोषण सिंह, विजय भारती, एचएमएस के रामबालक नोनिया, रामजनम साव, टीयूसीसी के आनंद मुखर्जी, एच कर्मकार, यूटीयूसी के राजू नोनिया, सीटू के धिरेन कर्मकार, अशोक चटर्जी, केकेएससी के बबलू दत्ताे, जग्गु माजी व एटक के रामदेव पासवान, डी प्रसाद आदि उपस्थित थे.
कंपनी के सीएमडी के तकनीकी सचिव नीलाद्री राय ने कहा कि खदान पहले से ही घाटे में चल रही है. क्षमता से अधिक श्रमिक हहैं. यदि उनका तबादला नहीं किया गया तो घाटा काफी बढ़ जायेगा. यही कारण है कि प्रबंधन ने खदान बंद करने का अस्थायी निर्णय लिया है.
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