भागलपुर : नक्सलियों से साठगांठ के संदेह में प्रो विलक्षण रविदास और कपिलदेव मंडल को पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद रविवार को पूरे दिन हाई वोल्टेज ड्रामा चला. सुबह लगभग ग्यारह बजे डॉ रविदास को उनके रेकाबगंज स्थित आवास से पुलिस पूछताछ के लिए ले गयी. उन्हें विश्वविद्यालय थाना में रखा गया.
उसके बाद पुलिस कल्याण छात्रावास दो पहुंची और वहां रूम नंबर जीरो से प्रो कपिलदेव मंडल को पूछताछ के लिए विश्वविद्यालय थाना ले गयी. शाम लगभग सात बजे प्रो विलक्षण रविदास को छोड़ा गया. उनके छोड़े जाने तक यानी लगभग आठ घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला.
पहुंचे एसएसपी, की पूछताछ : प्रो विलक्षण रविदास और प्रो कपिलदेव मंडल के नक्सली से साठगांठ की बात सामने आने और उन दोनों को को पूछताछ के लिए लाये विश्वविद्यायल थाना लाये जाने के बाद शाम लगभग सवा चार बजे एसएसपी विवेक कुमार विश्वविद्यालय थाना पहुंचे. उन्होंने लगभग पौने घंटे तक प्रोफेसर से बात की. बाद में सिटी एसपी अवकाश कुमार भी विश्वविद्यालय थाना पहुंचे. सिटी डीएसपी शहरयार अख्तर पहले ही पहुंच चुके थे.
थाना के गेट पर आकर छात्रों को समझाया प्रो रविदास ने : प्रो रविदास की गिरफ्तारी की अफवाह फैलने पर काफी संख्या में टीएमबीयू के शिक्षक और छात्र विश्वविद्यालय थाना पहुंच गये. कुछ शिक्षक पुलिस से बातचीत के लिए अंदर गये और प्रो रविदास की गिरफ्तारी को गलत बता रहे थे. सिटी डीएसपी अपने मोबाइल से भी का वीडियो बनाने लगे जिसे देख शिक्षक नाराज हो गये और इसका विराेध किया. उसके बाद छात्रों ने थाना के गेट के बाहर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला जलाया. माहौल बिगड़ता देख प्रो रविदास थाना के गेट के पास पहुंचे और उग्र छात्रों को समझाया.
उन्होंने कि वे पिछले सात दिनों से छात्रावास नहीं गये हैं तो वे उस लड़के को लेकर छात्रावास के आवास पर कैसे जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि उस लड़के द्वारा उनका नाम लिया गया है इसलिए पुलिस पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें लायी है. उन्होंने खुद के गिरफ्तार होने की खबर को गलत बताते हुए छात्रों से शांत होकर वहां से जाने के लिए कहा.
गेट पर धरना दिया फिर गाड़ी के सामने आ गये छात्र : प्रो रविदास को पूछताछ के लिए पुलिस द्वारा लाये जाने का विराेध करते हुए कल्याण छात्रावास के छात्र थाना के गेट के सामने उग्र हो गये. वे थाना के गेट के आगे बैठ गये और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें छोड़ने की मांग कर रहे थे. छात्राें ने सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की. सिटी डीएसपी जब अपनी गाड़ी में बिठा कर प्रो रविदास को उनके घर छोड़ने जाने लगे तो छात्रों की भीड़ ने गाड़ी को घेर लिया. छात्रों का कहना था कि पुलिस प्रो रविदास को उनके घर नहीं ले जाकर कहीं और ले जा रही है. उग्र छात्र पुलिस से उलझते दिखे.
काफी समझाने के बाद वे माने तो सही पर गाड़ी का पीछा करते हुए जाने लगे. उनके ऐसा करने पर पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया.
प्रो के छात्रावास से मैगजीन और घर से सीपीयू बरामद : नक्सलियों से साठगांठ को लेकर पुलिस ने प्रो विलक्षण रविदास के रेकाबगंज स्थित आवास और कल्याण छात्रावास के अधीक्षक होने के नाते छात्रावास स्थित उनके आवास में घंटों तक छानबीन करती रही. हालांकि पुलिस का कहना है कि उनके घर और छात्रावास के आवास से कोई भी प्रतिबंधित या संदिग्ध चीजें नहीं मिली. छात्रावास स्थित उनके आवास से पुलिस को कई प्रकार के मैगजीन जैसे लीब्रेशन, जन ज्वार के अनेकों अंक, मूल निवासी, टाइम, पीपुल मार्च, पीपुल वाइस और सृष्टि आदि पुलिस ने बरामद किये. प्रो रविदास के रेकाबगंज स्थित घर से पुलिस ने एक सीपीयू बरामद किया है. पुलिस की टेक्निकल टीम उसकी जांच कर रही है.
पुलिस के खिलाफ हथियार उठाने की अपील : संदिग्ध नक्सली मनश्याम के पास से प्रतिबंधित पूर्वी बिहार-पूर्वोत्तर झारखंड एरिया कमेटी सीपीआइ (माओवादी) के छोटे हैंड कैलेंडर-प्लानर में युवक, युवतियों और बुजुर्गों से अपील की गयी है जिसमें हत्या, लूट, बलात्कार और पुलुसिया, जुल्म अत्याचार से मुक्ति पाने हेतु हथियार उठाने की अपील की गयी है. इसमें कार्ल मार्क्स, एंजेल्स, लेनिन, स्टैलिन और माओ, कन्हाई चैटर्जी और चारू मजूमदार आदि की तस्वीरें लगी हुई हैं.
इस कैलेंडर प्लानर के तीन बंडल मनश्याम के पास से मिले हैं. इसके अलावा एक और हैंड कैलेंडर के तीन बंडल मिले हैं जो थोड़े बड़े हैं. इसमें केन्द्रीय कमिटी व पोलित ब्यूरो सदस्य सुशील राय (वरूण दा) अमर रहे लिखा हुआ है. इसमें सुशील राय की तस्वीर भी लगी हुई है. दोनों कैलेंडर में प्रकाशक में नया प्रभात लिखा हुआ है.
देर रात चौक-चौराहों पर हुई चेकिंग : संदिग्ध नक्सली के पकड़े जाने के बाद पुलिस सतर्क हो गयी है. रविवार की देर रात पुलिस ने विभिन्न चौक-चौराहों पर बाइक सवार को रोक कर चेकिंग की. जीआरपी ने स्टेशन के पास से एक संदिग्ध को पकड़ा है. शंभुगंज के रहने वाले गौतम यादव को हिरासत में लिया गया. गौतम का कहना है कि वह ट्रक ड्राइवर है. उसका ट्रक नवगछिया में है और वह अपने खलासी को साथ ले जाने भागलपुर आया था. गौतम के पास से उसका कोई पहचान पत्र नहीं मिला है.