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जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है उम्मे ऐमन, घर की पांच बहनों की हृदय रोग से हो चुकी है मौत
राजीव पांडेय रांची : हिंदपीढ़ी निवासी आठ वर्षीय उम्मे एेमन जिंदगी और मौत से लड़ रही है. उसके हृदय में छेद है. उसका इलाज रिम्स के शिशु विभाग में डॉ एके शर्मा की यूनिट में चल रहा है. ऐमन के पिता सईद अहमद इसलिए भी बेचैन हैं, क्योंकि उनकी पांच बच्चियों की मौत जन्मजात हृदय […]
राजीव पांडेय
रांची : हिंदपीढ़ी निवासी आठ वर्षीय उम्मे एेमन जिंदगी और मौत से लड़ रही है. उसके हृदय में छेद है. उसका इलाज रिम्स के शिशु विभाग में डॉ एके शर्मा की यूनिट में चल रहा है. ऐमन के पिता सईद अहमद इसलिए भी बेचैन हैं, क्योंकि उनकी पांच बच्चियों की मौत जन्मजात हृदय रोग के कारण हो चुकी है. वह अपनी छठवीं बच्ची को किसी भी तरह बचाना चाहते हैं. रिम्स के चिकित्सक ने सलाह दी है कि ऑपरेशन ही इसका इलाज है. एम्स या वेल्लाेर में ऑपरेशन कराया जा सकता है.
खतरे में है जिंदगी
सईद अहमद ने बताया कि जरजीस, गुलाब, रोजी, सुमैय्या व सादिया की मौत हृदय में छेद होने के कारण हो चुकी है. जब ऐमन का जन्म हुआ, तो लगा कि यह स्वस्थ होगी. लेकिन अब पता चल रहा है कि उसकी जिंदगी भी खतरे में है.
मदद की अपील
सईद अहमद ने राजधानी के बुद्धिजीवी व सामाजिक संस्थानों से मदद की अपील की है. उन्होंने कहा : मेरी आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं है, जिसके कारण इलाज कराने में असमर्थ हूं. अगर कोई मदद करे, तो मेरी बच्ची की जान बच सकती है. मदद करने के लिए लोग स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, कडरू मोड़ के खाता संख्या 65222275379 में राशि दे सके हैं. अधिक जानकारी के लिए मोबाइल संख्या 8409300153 पर संपर्क कर सकते हैं.
बच्ची को जन्मजात हृदय रोग है. अनुवांशिक कारण भी हो सकता है. बच्ची का ऑपरेशन कर स्वस्थ किया जा सकता है. हृदय में छेद का ऑपरेशन रिम्स में संभव नहीं है, इसलिए रेफर किया जा रहा है.
डॉ एके शर्मा, विभागाध्यक्ष, शिशु विभाग
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