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टूट सकता है भाजपा- पीडीपी गंठबंधन, महबूबा ने दिये संकेत

नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी के बीच सरकार बनाने को लेकर अबतक आम समहमति नहीं बनी है. दूसरी तरफ पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कार्यकर्ताओं को संकेत दिये हैं कि अगर भाजपा सरकार बनाने को लेकर राज्य की मौजूदा स्थिति पर ध्यान नहीं देती और हमारी मांगों पर गौर नहीं करती […]

नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी के बीच सरकार बनाने को लेकर अबतक आम समहमति नहीं बनी है. दूसरी तरफ पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कार्यकर्ताओं को संकेत दिये हैं कि अगर भाजपा सरकार बनाने को लेकर राज्य की मौजूदा स्थिति पर ध्यान नहीं देती और हमारी मांगों पर गौर नहीं करती तो संभव है कि भाजपा – पीडीपी के बीच का रिश्ता टूट सकता है.

अपना रुख कडा करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आज यह साफ किया कि अगर नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार राज्य के लिए विश्वास बहाली उपाय करके ‘‘अनुकूल माहौल’ नहीं बनाती है तो वह जम्मू कश्मीर में भाजपा के साथ सरकार नहीं बनाएंगी. महबूबा ने आज यहां एक बैठक में पार्टी नेताओं से कहा, ‘‘कुछ समस्याओं के अंदर समस्याएं हैं. इन मुश्किलों का सामना करने के लिए, हमें (सरकार बनाने के लिए) सहयोग और अनुकूल माहौल की जरुरत है. अगर हमें वह मिलता है तो ठीक है लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हम आज की तरह आगे बढते रहेंगे .’ अपने भाई तसादक मुफ्ती और वरिष्ठ पीडीपी नेता मुजफ्फर हुसैन बेग की उपस्थिति में उन्होंने संकेत दिये कि वह कोई वित्तीय पैकेज नहीं चाहती लेकिन विश्वास बहाली उपायों से समस्या के राजनीतिक पहलू पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.

महबूबा ने कहा, ‘‘यह पैसे का मामला नहीं है. कितना पैसा आया और कितना हमने खर्च किया? यह कब और कैसे आया? लेकिन मुद्दा यह है कि हम अनुकूल माहौल कैसे पैदा करेंगे ताकि नई सरकार को आगे बढने के लिए नया रास्ता तथा उत्साह मिले तथा लोगों में सदभावना पैदा हो.’ उसकी टिप्पणियों ने राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाने को लेकर कडे रुख की ओर इशारा किया .पीडीपी अब ठोस कदम उठाने का मन बना रही है ऐसे में भाजपा के लिए परेशानियां बढ़ सकती है. पीडीपी चाहती है कि राज्य में सरकार गठन से पहले एक माहौल बनाया जाये ताकि लोगों को विश्वास हो कि यह उनकी सरकार है. महबूबा कोई भी कदम बगैर कार्यकर्ताओं की राय औऱ जनता के मिजाज को देखे बगैर नहीं लेना चाहती.

यह राज्य महबूबा के पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के एक दिन बाद आठ जनवरी से राज्यपाल शासन के अधीन है. महबूबा मुफ्ती आसानी से सरकार गठन के लिए तैयार नहीं है वह पहले नेशनल पावर प्रोजेक्ट्स को राज्य सरकार को सौंपने और कई अन्य पैकेज को लेकर केंद्र से ठोस आश्वासन चाहती हैं.

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