29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जानें, सियाचिन में तैनात जवानों के सामने क्या रहती हैं चुनौतियां ?

सियाचिन : सियाचिन स्थित एक सैन्य चौकी में बर्फ की चट्टान खिसकने से कई जवान शहीद हो गये. सियाचिन से अकसर जवानों के मारे जाने की खबर आती है, सियाचिन में ड्यूटी करना बेहद तकलीफदेह होता है. यहां ड्यूटी पर तैनात जवानों के दो दुश्मन होते हैं -एक पाकिस्तानी सैनिक और दूसरा मौसम. यह इलाका […]

सियाचिन : सियाचिन स्थित एक सैन्य चौकी में बर्फ की चट्टान खिसकने से कई जवान शहीद हो गये. सियाचिन से अकसर जवानों के मारे जाने की खबर आती है, सियाचिन में ड्यूटी करना बेहद तकलीफदेह होता है. यहां ड्यूटी पर तैनात जवानों के दो दुश्मन होते हैं -एक पाकिस्तानी सैनिक और दूसरा मौसम. यह इलाका दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है. सियाचिन में दूर-दूर तक सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई पड़ती है.

पूरा इलाका बर्फीली पहाड़ियों और फिसलन भरी ढलानों से भरा हुआ है. यहां कभी-कभी तापमान -50 डिग्री तक पहुंच जाता है. इस ऊंचे युद्धक्षेत्र में हमेशा सांस लेने में दिक्कत होती है. सैनिकों को वहां भेजने से पहले प्रशिक्षण दिया जाता है.लद्दाख में तैनात जवानों के कपड़े भी खास किस्म के होते है. ड्यूटी पर तैनात जवान बंकरों में रहते है. इन बंकरों के गर्म रखने के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. लेकिन इसे एक विशेष तापमान तक ही गर्म रखा जा सकता है. इससे ज्यादा गर्म होने पर बंकरों के ग्लेशियर में धंसने की संभावना बनी रहती है.

सैनिकों के अलावे वहां न तो कोई परिंदा और न ही कोई जीव दिखाई पड़ता है. सिर्फ एक लद्दाखी कौवा नजर आता है. सियाचिन पर एक खास वक्त तक ही सैनिकों को रखा जाता है. एक निश्चित सीमा अवधि के बाद उनका तबादला कर दिया जाता है. सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में 3000 सैनिक तैनात हैं. इस क्षेत्र में अधिकांश चौकियां 16 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है. 1984 के बाद आज से 860 भारतीय सैनिकों की जानें गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें