-पवन कुमार पांडेय-
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12 साल का हुआ सोशल नेटवर्किंग साइट ‘फेसबुक’
-पवन कुमार पांडेय- आज फेसबुक अपना 12 वां जन्मदिन मना रहा है. 4 फरवरी को 12 साल पहले इस नयी तकनीक के आविष्कार ने सामज में कई बदलाव लाये.सबसे मशहूर सोशल नेटवर्किंग साइट के रूप में पहचाने जाने वाले फेसबुक के दुनिया भर में 1.44 बिलियन यूजर्स हैं. .फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग हैं. एफबी […]
आज फेसबुक अपना 12 वां जन्मदिन मना रहा है. 4 फरवरी को 12 साल पहले इस नयी तकनीक के आविष्कार ने सामज में कई बदलाव लाये.सबसे मशहूर सोशल नेटवर्किंग साइट के रूप में पहचाने जाने वाले फेसबुक के दुनिया भर में 1.44 बिलियन यूजर्स हैं. .फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग हैं.
एफबी की खोज की कहानी बेहद दिलचस्प है. मार्क जुकरबर्ग ने इसकी खोज उस समय की जब वे हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग को बचपन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में काफी दिलचस्पी थी. उनके पिता पेशे से डेंटिस्ट थे जबकि मां मनोवैज्ञानिक थीं.
उनके पिता दांतों के डॉक्टर थे. 10 साल की उम्र में जुकरबर्ग को कंप्यूटर मिला. उन्होंने अपने पिता के क्लिनीक और घर के कंप्यूटर को जोड़ दिया. इससे वो पिता को घर से ही मैसेज भेजा करते थे. जुकरबर्ग की दिलचस्पी कंप्यूटर में बढ़ती जा रही थी. पिता ने उनके रूचि को देखते हुए प्राइवेट ट्यूटर हायर कर लिया. हाइस्कूल में पढ़ाई के दौरान मार्क ने MP 3 प्ले होने वाला मीडिया प्लेयर बनाया.
हायर एजुकेशन के लिए उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. मनोविज्ञान की पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक प्रोग्रामिंग "कोर्स मैच " डेवलप किया.जुकरबर्ग की यात्रा यहीं नहीं थमी . साल 2003 में गर्मी के महीने के दौरान उन्हें नींद नहीं आने की बीमारी "इंसोमनिया" हो गयी थी. इस दौरान उन्हें दिमाग में "फेसमैस " बनाने का आइडिया आया.
मार्क हावर्ड के डाटाबेस को हैक करना चाहते थे, ताकि यूनवर्सिटी के छात्रों के प्रोफाइल पिक्चर मिल सके. उन्होंने एक ऐसा प्रोग्रामिंग बनाया जिसमे दो लड़कियों का पिक्चर सेलेक्ट किया जा सकता था. इन लड़कियों के प्रोफाइल के नीचे वोटिंग के लिए लिखा गया था – "दोनों में से सबसे ज्यादा हॉट कौन हो". हालांकि यह काफी विवादास्पद रहा . लेकिन यह इतना लोकप्रिय हुआ कि हावर्ड के सारे स्टूडेंट ने इसे विजीट किया. जब इस साइट में वीजीटर बढ़े तो यह क्रेश कर गया. जुकेरबर्ग के खिलाफ हावर्ड ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला लिया.
मार्क को यहीं और दो दोस्त मिले जिसने फेसबुक जैसे एक ऐसे साइट की निर्माण की बात सोची जो हावर्ड में एक साथ पढ़ रहे छात्रों को जोड़ सके. इस नेटवर्किंग साइट में लोग अपने व्यक्तिगत सूचना ,फोटो , यूजफूल लिंक शेयर कर सके. धीरे -धीरे यह हावर्ड से निकलकर अमेरिका के अन्य यूनिवर्सिटी में भी प्रसिद्ध हो गया. आज फेसबुक पूरी दुनिया को जोड़ चुका है.
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